चीन और अमेरिका मिलकर बसाएंगे ‘चांद पर मोहल्ला’, भारत करेगा ये काम

वॉशिंगटन। एक अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के चीन को ख़्वाब को नए पर लग गए हैं. चांद पर नई खोज के लिए नासा चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ मिलकर काम करने की तैयारी में है. इससे चांद पर इंसानों की बस्ती बसाने और बाहरी अंतरिक्ष के दूर के क्षेत्रों के रिसर्च के लिये भविष्य के मिशन की तैयारी के प्रयासों को और तेज़ी मिलेगी.

नासा ने पिछले महीने चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) से चांद पर भेजे गए उनके यान चांग-4 से आने वाले डेटा को खंगालने की संभावना पर चर्चा की. चीन का ये यान इसी महीने चंद्रमा की सतह पर उतरा है.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि नासा चंद्रमा पर वापसी के लिए अपनी योजना पर काम कर रहा है. इस मकसद से बिज़नेस से जुड़े और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ तालमेल बनाना महत्वपूर्ण होगा. एजेंसी के मुताबिक ये सोलर सिस्टम के बाहर इंसानी गतिविधियों को विस्तार देने में मदद करेगा.

धरती के लिए नई जानकारी के साथ ही ये नए अवसर का भी मौका होगा. नासा अगले साल चंद्र अभियान के लिए एक रोबोटिक मिशन को अंजाम देने की तैयारी में लगा. इसमें चांद पर संसाधनों के बारे में रिसर्च और इंसानों की लगातार मौजूदगी के लिए सतह को तैयार करने के साथ ही वहां पर उपलब्ध ऑक्सीजन और भविष्य के यानों के लिए हाइड्रोजन का इस्तेमाल करना शामिल है.

नासा का कहना है कि चांद की सतह महत्वपूर्ण पड़ाव और टेक्नॉलजी के टेस्ट के लिए अहम जगह का भी काम कर सकती है, जहां से भविष्य में मंगल और बाहरी अंतरिक्ष के दूर के क्षेत्रों में इंसानों को भेजने की तैयारी की जाएगी. नासा ने कहा है कि प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के नेतृत्व के तहत नासा का चीन के साथ सहयोग पारदर्शी, पारस्परिक और आपसी फायदे का है.

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ड्रैगन अंतरिक्ष विज्ञान में इतिहास रच चुका है. चीन ने चांद पर अपना एक रोवर भेजा था जिसमें कपास के अलावा अन्य बीज रोप कर भेजे गए थे. इस रोवर पर कपास का ये बीज अंकुरित हो गया था. हालांकि, अचानक से तापमान में नाटकीय बदलाव आने की वजह ये पौधा अगले दिन ही मुर्झा गया. लेकिन ऐसा होने के बाद पहली बार हमारी दुनिया से बाहर चांद पर कोई पौधा पनपा.

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