गोरखपुर: घाघरा और कुआनो नदी ने बढ़ाई लोगों की चिंता…
गोरखपुर में घाघरा और कुआनो नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। वहीं, राप्ती नदी के भी खतरे के निशान से ऊपर बहने से तटवर्ती इलाकों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। जिले के 29 गांव अब भी पानी से घिरे हुए हैं। यहां लोगों के लिए नावों के साथ टीमें तैनात कर दी गई हैं।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक घाघरा नदी अयोध्या में रविवार सुबह 92.310 मीटर पर बह रही थी, लेकिन शाम को नदी का जलस्तर बढ़कर 92.390 हो गया। हालांकि नदी अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। वहीं, राप्ती नदी रविवार सुबह आठ बजे गोरखपुर में 75.270 मीटर पर बह रही थी, जो शाम को घटकर 75.240 पर आ गई।
नदी का जलस्तर पर अब भी खतरे के निशान 74.98 मीटर से 26 सेंटीमीटर ऊपर है। कुआनो नदी चंद्रदीप घाट पर रविवार सुबह 89.180 पर बह रही थी, जबकि शाम को नदी का जलस्तर बढ़कर 89.230 मीटर पर आ गया। इसी प्रकार रोहिन नदी भी त्रिमुहानी घाट पर रविवार सुबह 81.880 मीटर पर बह रही थी, लेकिन शाम को नदी का जलस्तर घटकर 81.650 पर दर्ज किया गया।
गंडक नदी पर बने वाल्मीकि बैराज से रविवार को डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इस पानी से नदी के जलस्तर के बढ़ने की आशंका है। उधर, बाढ़ के पानी से घिरे गांवों का सिंचाई विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों ने निरीक्षण किया।
29 गांव बाढ़ के पानी से घिरे
गोरखपुर जिले में अब तक 29 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इन गांवों से लोगों के आने जाने के लिए 34 नावों की व्यवस्था की गई है। जिले में एनडीआरएफ भी तैनात कर दी गई है। सर्वाधिक सहजनवां तहसील के 16 गांव पानी से घिरे हैं। खजनी के दो गांव, गोला के चार, सदर के छह और कैंपियरगंज का एक गांव पानी से घिरा है। शनिवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व ने कई तहसीलों के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को सतत निगरानी का निर्देश दिया।