सरकार का फैसला, गुजराती भाषा में भी आएगा NEET का पेपर

गुजराती भाषाअहमदाबाद। गुजरात सरकार ने शुक्रवार को यह घोषणा की है कि अब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी-नीट) का आयोजन गुजराती भाषा में भी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल और डेंटल कोर्सों में एडमिशन के लिए जब से नीट को अनिवार्य कर दिया है, तभी से राज्य में छात्रों और अभिभावकों की यह मांग मुख्य रही है।

गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया, ”मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने गुजराती भाषा को भी परीक्षा माध्यम के तौर पर अनुमति देने का आग्रह करते हुए पत्र लिखा था। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नडडा ने गुजराती में नीट की अनुमति देने पर सहमति जताई है। स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय ने लिखित में इसकी अनुमति दी है।”

बता दें कि एक पैरेंट्स असोसिएशन ने आंदोलन छेड़ दिया था और पटेल के कार्यालय का घेराव किया था। पैरंट्स भी अपना विरोध दर्ज कराने के लिए बीजेपी कार्यालय कमालम गए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री को कई पत्र लिखकर अपने आग्रह पर गौर करने की अपील की। इस फैसले से करीब 68,000 गुजराती माध्यम छात्रों को फायदा होगा।

गुजराती मीडियम में नीट के आयोजन की अनुमति के बाद भी छात्रों को भाषा से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए गुजरात में लिवर के लिए ‘यकृत’ शब्द इस्तेमाल किया जाता है जबकि टेक्स्टबुक्स में इंग्लिश टर्म का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए अगर पेपर का गुजराती में अनुवाद किया गया तो छात्रों को परेशानी होगी।

नीट 2017 का एग्जाम देने वाले एक स्टूडेंट के अभिभावक प्रकाश पटेल ने बताया, ”यह हमारी मुख्य मांगों में से एक रही है क्योंकि टेक्निकल टर्म के अलावा छात्र इंग्लिश को बड़ी मुश्किल से समझते हैं।” उन्होंने कहा कि बहुत से छात्र परीक्षा पास नहीं कर सकते थे।

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