क्या होगा देश का भविष्य जब 56% प्रतिशत बच्चों को नहीं आती गणित की ABCD?

नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों की दुर्दशा का आलम यह है कि 8वीं क्लास के 56% छात्रों को बेसिक गणित नहीं आती। कक्षा 5 के 72% छात्रों को भाग करना नहीं आता। 8वीं के 27% छात्र दूसरी के स्तर की किताबें भी नहीं पढ़ पाते।

देश का भविष्य

तीसरी क्लास के 70% स्टूडेंट बाकी (घटाना) नहीं कर सकते। प्रथम एनजीओ की एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर)-2018 में यह नतीजे सामने आए हैं।

एएसईआर के मुताबिक 10 साल पहले के मुकाबले 2018 में स्कूली छात्रों के प्रदर्शन के स्तर में गिरावट आई है। साल 2008 में यह पाया गया कि कक्षा 5 के 37% छात्र गणित के बेसिक सवालों को हल कर सकते थे। लेकिन, 2018 में ऐसे छात्रों का आंकड़ा घटकर 28% रह गया। साल 2016 में ये संख्या 26% थी।

रीडिंग में भी छात्र पिछड़ रहे हैं। साल 2008 में 8वीं कक्षा के 84.8% स्टूडेंट कक्षा 2 के स्तर की टेक्स्ट बुक पढ़ने में सक्षम थे। साल 2018 में ऐसे छात्रों की संख्या घटकर 72.8% रह गई। यानी कक्षा 8 के 27% छात्र दूसरी के स्तर की किताबें भी नहीं पढ़ सकते।

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एएसईआर के मुताबिक बेसिक अंकगणित में लड़कियां, लड़कों से पीछे हैं। रिपोर्ट तैयार करते वक्त यह सामने आया कि 50% लड़कों के मुकाबले सिर्फ 44% लड़कियां अंकगणित के सवालों को हल कर सकती हैं। हिमाचल, पंजाब, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में लड़कियों का प्रदर्शन बाकी राज्यों के मुकाबले बेहतर है।

प्रथम एनजीओ ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए 28 राज्यों के 596 जिलों से डेटा जुटाए। इसके लिए 3 से 16 साल के 5.5 लाख बच्चों से सवाल-जवाब किए गए।

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