कोरोना संक्रमण की चपेट में आई मां को बचाने के लिए बेटे ने लगा दी अपनी जी जान, सीएम को पत्र लिख बयां की हकीकत

कोरोना संक्रमण की चपेट में आई मां को बचाने के लिए एक बेटे ने अपनी जी जान लगा दी। इतना ही नहीं इलाज कराने के लिए उसने छह लाख का कर्ज ले लिया। फिर भी मां की जान नहीं बचा सका। महज 21 साल की उम्र में छह लाख के कर्जदार बने इस युवा ने अब सीएम को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि जिस कोविड अस्पताल में उनकी मां का इलाज हुआ उस अस्पताल ने धोखा देकर उससे छह लाख रुपए ले लिए है।

यह मामला शहर के वीरसावरकर नगर निवासी 21 साल के अनंत अग्रवाल बीकॉम द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। उनके पिता बीमारी के चलते डिप्रेशन में रहते हैं। घर का और अनंत की पढ़ाई आदि के सभी खर्च उनकी मां नीतू अग्रवाल सिलाई का कार्य कर उठाती थीं। तीस जून को जब मां को बुखार आया तो अनंत ने उन्हें अपने रेगुलर डाक्टर को दिखाया। उन्होंने मां का डाइग्नोज कराने को कहा, इसके लिए उन्होंने भोजीपुरा स्थित एक अस्पताल ले जाने को कहा।

अनंत ने बताया कि वहां जब मां को लेकर पहुंचा तो उससे चेकअप आदि के पांच हजार रुपये जमा कराए गए। उसे बताया गया कि मां में कोरोना के लक्षण हैं। इसलिए उनका सैंपल लेकर जांच कराई गई, जिसमें वह पॉजिटिव आईं। इसकी जानकारी मिलने पर अनंत ने अस्पताल के चिकित्सकों से इलाज की प्रक्रिया और खर्च के बारे में जानकारी ली तो बताया गया कि कोरोना का इलाज सरकार की ओर से बिल्कुल फ्री कराया जा रहा है। जब कंट्रोल रूम से फोन आया तो उस समय भी उसे यही बताया गया।

वेंटीलेटर से हटाने की बात कहकर लिए तीन लाख

अनंत ने बताया कि भर्ती होने के कुछ दिन बाद अस्पताल से फोन आया और कहा गया कि मां की हालत बिगड़ रही है, शाम तक तीन लाख रुपये जमा कराएं नहीं तो मरीज को वेंटीलेटर से हटा दिया जाएगा। मां की हालत बिगड़ने की जानकारी पाकर आनन फानन अनंत ने रिश्तेदारों और अन्य लोगों से तीन लाख रुपये की व्यवस्था की और अस्पताल में जमा कराए। पूछने पर भी यहां कोई जानकारी नहीं दी गई।

मरीज की मौत हो गई, पेमेंट क्लियर कराइए

अनंत ने बताया कि तीन लाख रुपये जमा कराने के बाद 19 जुलाई को अस्पताल से फोन आया कि उनके मरीज की मौत हो गई है। अस्पताल आकर पहले पेमेंट जमा कराइए इसके बाद बॉडी ले जाइए। अनंत ने बताया कि यह बात सुनते ही पिता की हालत भी बिगड़ गई। इसके बाद उसने अपने रिश्तेदारों की मदद लेकर 3.37 लाख रुपये का इंतजाम कर अस्पताल में जमा कराए, तब मां का शव दिया गया। बिल मांगने पर सिक्याेरिटी गार्ड बुलाकर बाहर निकाल दिया गया।

तगादागीर अब कर रहे फोन, कहां से वापस करें रुपये

अनंत ने बताया कि अब जिनसे रुपये लिए थे वह फोन कर पूछ रहे हैं कि पैसा वापस कब करोगे। बताया कि मां ही सब करती थी, अब कर्ज कैसे दे पाऊंगा। अनंत ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से की गई वसूली की शिकायत की साथ ही अपने कर्ज के बारे में बताया। गुहार लगाई कि कुछ ऐसा कर दें जिससे कर्ज निपट सके।

मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई है। इसका संदर्भ मिला है। इस मामले की जांच वरिष्ठ एसीएमओ को दी गई है। जांच में आने वाले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। 

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