कोरोना के कारण अब खेल की दुनिया में आ सकते हैं ये नए बदलाव, खिलाड़ियों की बदल सकती है ये आदतें…

खेल की दुनिया में हमने कई ऐसी आदतें देखी हैं जिनको देखकर हम भी सोच में पड़ जाते हैें. लेकिन उन आदतों के पीछे कई वजह होती हैं. जैसे क्रिकेट में तेज गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए उस पर लार लगाते रहे हैं। इससे गेंदबाजों को स्विंग हासिल करने में मदद मिलती रही है लेकिन कोविड-19 के बाद खेल का जो नया संसार होगा उसमें कई बदलाव देखने को मिल सके हैं.
खेल

टेनिस में अक्सर देखने को मिलता है कि खिलाड़ी अपना पसीना और यहां तक कि खून और आंसू पोंछकर तौलिया गेंद पकड़ने वाले लड़कों या लड़कियों (बॉल ब्वॉयज और बॉल गर्ल्स) के पास उछाल देते हैं। ऐसे में सभी के मन में इन युवाओं के प्रति सहानुभूति जाग उठती है।

मार्च में कोरोना वायरस के वैश्विक स्तर पर फैलने के बाद अधिकारियों ने इस समस्या को लेकर कदम उठाए। मिकी में जापान और इक्वाडर के बीच खेले गए डेविस कप मैच के दौरान ‘बॉल ब्वायज’ और ‘बॉल गर्ल्स’ ने दस्ताने पहन रखे थे। यही नहीं टोकरियों की भी व्यवस्था की गई थी जिसमें खिलाड़ी अपने तौलिया रख सकें। इससे पहले 2018 में एटीपी ने कुछ प्रतियोगिताओं में तौलिया रखने के लिए विशेष प्रबंध किए थे लेकिन इससे खिलाड़ी खुश नहीं थे।

पैट कमिंस, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज 

एक गेंदबाज होने के नाते मुझे लगता है कि टेस्ट मैचों में अगर हम गेंद को नहीं चमका पाएंगे तो इससे काफी मुश्किल होगी।
स्टिफेनोस सिटिसिपास, टेनिस खिलाड़ी यूनान
आपको खेलते हुए जब भी तौलिया की जरूरत पड़ती है तब आपको वह मिल जाए तो इससे काफी मदद मिलती है। मेरा मानना है कि खिलाड़ियों को गेंद और तौलिया उपलब्ध कराना कोर्ट पर मौजूद लड़कों और लड़कियों का काम है।

हाथ मिलाने के चलन पर भी असर

दुनिया भर में खेल गतिविधियां ठप्प पड़ने से पहले शीर्ष फुटबॉल लीग में मैच से पहले हाथ मिलाने का चलन बंद कर दिया गया था। प्रीमियर लीग की टीम लिवरपूल ने मैच से पहले खिलाड़ियों के साथ बच्चों के मैदान पर जाने पर भी रोक लगा दी थी जबकि साउथम्पटन ने खिलाड़ियों को ऑटोग्राफ देने या सेल्फी लेने से बचने के लिए कहा था। फुटबॉलर से इतर एनबीए ने खिलाड़ियों से एक-दूसरे के हाथों से ताली बजाने के बजाय हवा में मुक्का लहराने का आग्रह किया। यही नहीं बॉस्केटबॉल स्टार को बॉल और टीम टी शर्ट पर ऑटोग्राफ देने से भी मना किया गया है।
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