कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में शिकारियों को रोकने के लिए साउथ अफ्रीका से बुलाए गए एंटी पौचिंग एक्सपर्ट

कॉर्बेट टाइगर रिजर्वरोहित गोस्वामी

रामनगर। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों की अच्छी खासी तादाद है। हर किस्म के वन्य जीव कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पाए जाते है। खासतौर से बाघों की राजधानी रूप में विश्व पटल में सीटीआर अपनी पहचान बनाये हुए है। जिसके चलते शिकारियों की निगाह में हमेशा कॉर्बेट खटकता रहता है। कई बार बाघों, हाथियों और अन्य वन्य प्राणियों के शिकार की घटनाएं देखने मिली है। अब वन्य जीवों की सुरक्षा को चाकचौबंद बनाने के लिए कमर कस ली है।

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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने डब्लू डब्लू एफ के सहयोग से दो स्पेशलिस्टों बुलाया गया है।  साउथ इंडिया और साउथ अफ्रीका के क्रुगर नेशनल पार्क से वाइल्ड लाइफ व एंटी पौचिंग एक्सपर्ट रूबेन डी कॉक को टिप्स लेने के लिए बुलाया गया है। वन विभाग के चारो डिवीजनों में दो दिवसीय ट्रेनिंग सेशन चल रहा है। जहां उन्होंने ट्रेनिंग के साथ-साथ अपने अनुभवों का व्याख्यान भी किया । इसका आयोजन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज में किया गया। जहाँ उन्होंने वन कर्मियो को ट्रेनिंग दी। जिसमे उन्होंने वन्य जीवो को शिकारियों से बचाने के लिए गुर सिखाये। उन्होंने बताया कि भारत और साऊथ अफ्रीका की परिस्तिथियाँ काफी अलग है।

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उन्होंने बताया कि साउथ अफ्रीका क्रुगर नेशनल पार्क में वन्य जीवो के शिकार को रोकने के लिए शिकारियों बड़े पैमाने पर काम गये है। वहाँ की सुरक्षा यहाँ के मुकाबले काफी अच्छी है। यहाँ पर भी वहाँ तरह सुरक्षा पुख्ता की जा सकती है। इसके लिए महकमे को आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।

 

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