कैसे कॉलेज प्रोफेसर से अभिनेता बने कादर खान, अफगानिस्तान के काबुल हुआ था जन्म

मुंबई| प्रख्यात अभिनेता-फिल्म निर्देशक-लेखक-कॉमेडियन कादर खान का कनाडा के टोरंटो के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। उनके परिवार के एक सदस्य ने मंगलवार को इस खबर की पुष्टि की।

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कादर (81) के परिवार में उनकी पत्नी हाजरा, बेटा सरफराज, बहू और पोते-पोती हैं।एक करीबी रिश्तेदार अहमद खान ने बताया कि तड़के करीब चार बजे उनका निधन हो गया। उन्हें आज टोरंटो की कब्रिस्तान में सुपुर्दे-खाक किया जाएगा।

कादर खान की हालत गंभीर होने और वेंटिलेटर पर रहने के कारण पिछले पांच दिनों से उनकी निधन की अफवाहें चल रही थीं जिससे परिवार और अन्य रिश्तेदारों को काफी दुख पहुंचा था।

सांस लेने की समस्या और वृद्धावस्था से संबंधित विभिन्न बीमारियों के कारण वह लगभग चार महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने (टोरंटो के समयनुसार) 31 दिसम्बर की शाम दम तोड़ दिया।

अफगानिस्तान के काबुल में पश्तून परिवार में 22 अक्टूबर 1937 को जन्मे कादर खान की शुरुआती शिक्षा नगरपालिका के स्कूल में हुई जिसके बाद उन्होंने मुंबई के जोगेश्वरी स्थित सरकारी इस्माइल युसुफ कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की।

पढ़ने और फिल्मों के शौकीन कादर खान के पास फिल्म-निर्माण, अभिनय, पटकथा लेखन, कहानी-संवाद और अन्य विषयों की पुस्तकों का एक विशाल संग्रह था। उन्हें उर्दू में महारत हासिल थी।

वर्ष 1973 में फिल्म ‘दाग’ से अभिनय करियर शुरू करने वाले कादर खान ने 35 सालों के अपने फिल्मी करियर में 300 से अधिक फिल्मों में यादगार किरदार निभाए। उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों में हिंदी और ऊर्दू संवाद भी लिखे जिसकी शुरुआत 1974 की फिल्म ‘रोटी’ से हुई।

हास्य व चरित्र किरदारों में कादर खान की यादगार फिल्मों में ‘दाग’, ‘अदालत’, ‘बैराग’, ‘नटवरलाल’, ‘सुहाग’, ‘धन दौलत’, ‘नसीब’, ‘आहिस्ता आहिस्ता’, ‘सत्ता’, ‘राज’, ‘देश प्रेमी’, ‘हिम्मतवाला’, ‘कुली’, ‘घर एक मंदिर’, ‘जॉन जानी जनार्दन’, ‘तवायफ’, ‘लोहा’, ‘शहंशाह’, ‘वर्दी’, ‘बाप नंबरी बेटा दस नंबरी’, ‘प्यार का देवता’, ‘साजन’, ‘बोल राधा बोल’, ‘कुली नंबर वन’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘दूल्हे राजा’, ‘आंटी नंबर वन’ और ‘सूर्यवंशम’ सहित कई फिल्में शामिल हैं।

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उन्होंने ‘जवानी दीवानी’, ‘बेनाम’, ‘रोटी’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘सुहाग’, ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘याराना’, ‘लावारिस’, ‘गंगा जमुना सरस्वती’, ‘खुद्दार’ और ‘आंटी नंबर वन’ सहित कई फिल्मों के संवाद लिखे।

खलनायक के किरदार को भी शानदार तरीके से निभाने वाले कादर खान ने 1981 में ‘शमा’ नाम से फिल्म प्रोड्यूस भी की थी।

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