अडाणी की केरल बंदरगाह परियोजना को एनजीटी की मंजूरी

केरल बंदरगाह परियोजनानई दिल्ली| नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शुक्रवार को केरल बंदरगाह परियोजना को मंजूरी दे दी, जिसका ठेका अडाणी समूह के पास है। न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं की मांग पर बंदरगाह को दी गई पर्यावरण मंजूरी रद्द करने से इनकार कर दिया।

सामरिक और वाणिज्यिक महत्व के इस निर्माणाधीन विझिनजम इंटरनेशनल ट्रांसशिपमेंट डीपवॉटर मल्टीपरपज सीपोर्ट की अनुमानित लागत 7,000 करोड़ रुपये है।

राज्य के बंदरगाह सचिव जेम्स वर्गीज ने बताया कि यह फैसला न तो केरल सरकार के खिलाफ है और न ही बंदरगाह के लिए हानिकर है।

वर्गीज ने कहा, “फैसले में एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने के लिए कहा गया है। हमने पहले से ही ऐसी एक समिति बना रखी है, इसलिए अदालत ने उनमें कुछ और सदस्यों को शामिल कर नई समिति का गठन किया जाएगा।”

यह बंदरगाह राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर है और अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग लेन से केवल 10 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित है।

यह केरल सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है और पिछले साल दिसंबर में इसके निर्माण का ठेका अडाणी समूह को मिला था। इस बंदरगाह का निर्माण 4 दिसंबर, 2019 तक पूरा होना है।

केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन बंदरगाह निदेशकों के बोर्ड के प्रमुख हैं और बंदरगाह मंत्री काडानपल्ली रामचंद्रन उपाध्यक्ष हैं।

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