केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की समाधि का 35 फीसदी कार्य हो चुका पूरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की समाधि का 35 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। इसी वर्ष दिसंबर तक इसका निर्माण कार्य पूरा होना है। समाधि पर दस हजार से अधिक स्थानीय कटुआ पत्थर लगाए जाएंगे। इन्हें सरस्वती नदी के बोल्डरों को काटकर तैयार किया जा रहा है।

वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में आदि शंकराचार्य की समाधि हजारों टन मलबे के नीचे दब गई थी। अब इसे उसी स्थान पर नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। निर्माण का जिम्मा वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास है। बीते वर्ष से इस पर कार्य शुरू हुआ था। वर्तमान में पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है और दूसरे चरण का अंतिम दौर में है। समाधि स्थल तक पहुंचने के लिए मंदिर के पीछे दिव्य शिला से 65 मीटर लंबा रास्ता बनाया जाना है। इसके अंतिम छोर पर घुमावदार रैंप बनेगी। यहां से भूमिगत समाधि तक पहुंचा जा सकेगा। समाधि से बाहर आने के लिए दूसरी तरफ से रास्ता बनाया गया है, जो भैरव मंदिर जाने वाले मार्ग की ओर खुलता है।

तीसरे चरण में इन दोनों रास्तों पर दस हजार पठाल बिछाई जानी हैं। साथ ही निश्चित दूरी पर कटुआ पत्थर भी लगाए जाएंगे। इन पर आदि शंकराचार्य से जुड़ी जानकारी व श्लोक अंकित किए जाएंगे। दो फीट लंबे व एक फीट चौड़ाई वाले इन पत्थरों को सरस्वती नदी के बड़े बोल्डरों को काटकर तैयार किया जा रहा है। बीते चार माह से राजस्थान से आए मजदूरों के साथ स्थानीय कारीगर भी कटुआ पत्थर तैयार करने में जुटे हैं।

वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंधक मनोज सेमवाल बताते हैं कि शंकराचार्य की समाधि का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। शंकराचार्य समाधि स्थल जमीन से आठ मीटर नीचे और पांच मीटर ऊपर तैयार किया जा रहा है। विदित हो कि वर्ष 2017 में अपनी केदारनाथ यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंकराचार्य समाधि की नींव रखी थी।

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