कृषि कानून में संसोधन के लिए सरकार तैयार,लेकिन कानून वापस लेने के पीछे अठावले का बयान

केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गए कृषि सुधार कानून के खिलाफ कई राज्यों से आए किसान पिछले 20 से अधिक दिनों से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार लगातार बातचीत पर जोर दे रही है, लेकिन किसान किसी भी तरह से कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। किसानो का कहना हैं कि सरकार जब तक कि सरकार जब तक तक ये कृषि सुधार कानून वापस नहीं लेंगी तब तक हम किसान यू ही बिल का विरोध करते रहेंगे।

इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि सरकार कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) को धक्का नहीं लगेगा। अगर कानून पीछे लेंगे, तो हर कानून पीछे लेने की बात हो सकती है। किसानों से निवेदन है कि आंदोलन खत्म करें। सरकार आपको एमएसपी और एपीएमसी के संबंध में लिखित देने के लिए भी तैयार है।”

क्या है कृषि कानून सुधार का मामला

कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था। सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी। वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

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