भारत ने फिर की जाधव, अंसारी से राजनयिक संपर्क की मांग

कुलभूषण जाधव, हामिद नेहाल अंसारी को राजनयिक संपर्क मुहैयानई दिल्ली। भारत ने अपने नागरिकों कुलभूषण जाधव, हामिद नेहाल अंसारी को राजनयिक संपर्क मुहैया कराने की शनिवार को पाकिस्तान से एक बार फिर मांग की। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को कथित तौर पर जासूसी व आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता को लेकर पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है, जबकि भारतीय इंजीनियर व कारोबारी अंसारी को पाकिस्तान में दाखिल होने को लेकर तीन साल जेल की सजा सुनाई है।

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विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत ने एक बार फिर अपने नागरिकों कुलभूषण जाधव तथा हामिद नेहाल अंसारी को राजनयिक संपर्क मुहैया कराने की मांग की, जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं।”

बयान के मुताबिक, “भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से भारतीय कैदियों लापता भारतीय सेना के पूर्व कर्मी तथा मछुआरों को उनकी नौका के साथ उन्हें भारत भेजने का आग्रह किया, जिनकी राष्ट्रीयता की भारत पुष्टि कर चुका है।”

जाधव को कथित तौर पर तीन मार्च, 2016 को पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान का दावा है कि भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी ने एक वीडियो में कबूल किया है कि वह बलूचिस्तान में जासूसी तथा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। हालांकि भारत ने आरोपों से इनकार किया है। अप्रैल महीने में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई।

भारत ने कहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया और उसपर जासूस होने का ठप्पा लगा दिया। जाधव ईरान में कारोबार करते हैं।

मई महीने की शुरुआत में भारत ने हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत में जाधव मामले में याचिका दाखिल की। सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले में अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है।

पेशे से इंजीनियर व कारोबारी अंसारी विमानन क्षेत्र में नौकरी के लिए पर्यटन वीजा पर चार नवंबर, 2012 को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल गए थे। वह 12 नवंबर को पाकिस्तान में दाखिल हुए थे।

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उसके ई-मेल अकाउंट से यह खुलासा हुआ है कि वह फेसबुक पर एक पाकिस्तानी लड़की से संपर्क में थे और पाकिस्तान गए थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और तीन वर्षो की सजा सुनाई गई।

मंत्रालय के बयान के मुताबिक, साल 2008 में किए गए एक समझौते की तर्ज पर भारत तथा पाकिस्तान ने शनिवार को कूटनीतिक स्रोतों के माध्यम से अपने-अपने देशों के नागरिक कैदियों व मछुआरों के नामों की सूची का आदान-प्रदान किया, जो दोनों देशों की जेलों में बंद हैं।

बयान के मुताबिक, “भारत पाकिस्तान के साथ मानवीय मुद्दों का समाधान प्राथमिकता के साथ करने को प्रतिबद्ध है, इनमें कैदी तथा मछुआरे शामिल हैं।”

बयान में कहा गया है, “इस संदर्भ में हम पाकिस्तान से उन लोगों की राष्ट्रीयता की पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं, जो भारत की हिरासत में हैं।”

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