किसानों की कर्ज माफ़ी नहीं है आसान, योगी सरकार को देना होगा इसके लिए ‘बलिदान’

किसानों का कर्जलखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के समय जनता से वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वो किसानों का कर्ज माफ करेंगे। इसके बाद भाजपा को जनता ने जबरदस्त समर्थन दिया और यूपी भाजपा को प्रचंड जीत मिली। लेकिन अब सरकार के सामने असली परीक्षा की घड़ी आ चुकी है। प्रदेश में योगी सराकर बने दो हफ्ते बीत चुके हैं और आज सोलहवें दिन मंत्रिमंडल की पहली बैठक होने वाली है। और सरकार के वादों के मुताबिक़ पहली ही बैठक में किसानों का कर्ज माफ़ किए जाने का ऐलान होना है। लेकिन आपको बता दें कि किसानों का कर्ज माफ़ करना योगी सरकार के लिए आसान नहीं होगा।

अगर राज्य सरकार सिर्फ़ छोटे और मंझौले किसानों के कर्ज को माफ़ करने का फ़ैसला लेती है तो राज्य सरकार पर 36,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा। यानी राज्य की कुल आमदनी का 8 फीसदी हिस्सा। वहीं अगर यूपी के सभी किसानों की बात करें तो छोटे-बड़े किसानों को मिलाकर लगभग 65000 करोड़ रूपए का कर्ज है जो प्रदेश के बजट का एक चौथाई हिस्सा है।

आपको बता दें कि यूपी के लिए लगभग ढाई लाख करोड़ का बजट है और अगर इसमें से 65000 करोड़ रुपए सिर्फ किसानों की कर्ज माफ़ी में खर्च होगा तो बाकी वादों का क्या..?

हालांकि योगी सरकार अपने वादों को लेकर बिल्कुल अटल है और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कर्ज माफ़ी के ले वह भी केंद्र सरकार से कर्ज ले सकती है। लेकिन ये भी आसान नहीं हो सकता क्योंकि ऐसा करने पर दूसरे राज्य के किसान भी कर्ज माफ़ी की मांग करेंगे। जो कि सरकार के लिए नामुमकिन सी बात है।

आपको बता दें कि देश में 12.60 लाख करोड़ का कृषि लोन है। 7.75 लाख करोड़ फ़सल लोन के मद में किसानों को दिया गया है. 4.85 लाख करोड़ टर्म लोन के नाम पर किसानों को दिया गया है।

किस बैंक का कितना क़र्ज़

स्थानीय और ग्रामीण बैंक : 1.45 लाख करोड़

कॉपरेटिव बैंक : 1.58 लाख करोड़

कॉमर्शियल बैंक : 9.57 लाख करोड़

किस राज्य में किसानों के नाम पर कितना कर्ज है आइए समझें। अगर टॉप पांच राज्यों की बात की जाए तो कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार

उत्तर प्रदेश: 79,08100 करोड़

महाराष्ट्र: 40,67,200 करोड़

राजस्थान: 40,05,500 करोड़

आंध्र प्रदेश: 33,42,100 करोड़

पश्चिम बंगाल: 32,78,700 करोड़

कर्नाटक: 32,77,500 करोड़

बिहार: 30,15,600 करोड़

मध्यप्रदेश: 27,41,400 करोड़

तमिलनाडु: 26,78,000 करोड़

ओडिशा: 25,83,000 करोड़

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