ब्रिटिश प्रिंटर पर भड़की कांग्रेस, कहा- मोदी ने मिलाया अंग्रेजों से हाथ

काली सूचीनई दिल्ली। केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय हितों से समझौता करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह काली सूची में डाली गई नोट छापने वाली ब्रिटिश कंपनी डे ला रू के साथ साझेदारी कर रही है। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमन चांडी ने कहा, “डे ला रू को भारत में प्लास्टिक के नोट छापने के लिए शार्टलिस्ट किया गया है, जबकि यह कंपनी काली सूची में है। यह उच्चस्तर पर मिलीभगत को दिखाता है।”

उन्होंने कहा, “साल 2011 में तत्कालीन वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीणा ने राज्यसभा में नोटों की छपाई की सुरक्षा से जुड़े एक सवाल के जबाव में कहा था कि अनुबंध में निर्धारित विनिर्देशों के पालन में असफल रहने के कारण डे ला रू को काली सूची में डाल दिया गया है।”

इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में चांडी ने मीडिया रपटों के हवाले से तीन कंपनियों को नोटों की छपाई के लिए चुने जाने की बात कहते हुए संबंधित मंत्रालय से उन कंपनियों की सूची प्रकाशित करने को कहा था, जिन्हें शार्टलिस्ट किया गया है या चुना गया है।

उन्होंने कहा कि ब्रिटिश कंपनी को 2011 में सुरक्षा मंजूरी नहीं दी गई थी, इसलिए सरकार को वर्तमान में उठाए गए कदम का खुलासा करना चाहिए।

वहीं, ब्रिटिश कंपनी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए नौ दिसंबर को एक बयान जारी कर कहा था, “डे ला रू स्पष्ट रूप से भारतीय मीडिया में प्रकाशित अपने व्यापार के बारे में अपमानसूचक और दुर्भावनापूर्ण आरोपों का खंडन करती है।”

बयान में आगे कहा गया था, “डे ला रू भारतीय मुद्रा की छपाई के लिए कागज की आपूर्ति नहीं कर रही है और हम किसी भी रूप में वर्तमान में भारत में मुद्रा के मुद्रण से संबद्ध नहीं हैं। डे ला रू को न तो कोई नोटिस मिला है और न ही हम जानते हैं कि हमें भारत में काली सूची में डाला गया है।”

LIVE TV