कानपुर से 40 साल पहले की वह मुठभेड़ जब शहीद हो गये थे 11 पुलिसकर्मी

कानपुर में बीती रात दबिश देने गयी पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग की। इस फायरिंग में सर्कल ऑफिसर और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी है। पुलिस की टीम बिठूर थाना क्षेत्र इलाके के एक गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गयी हुई थी। हालांकि इसी बीच बदमाशों की गैंग ने पुलिस टीम पर घात लगा छत से हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस जिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गयी थी वह फरार हो गया। इसी के साथ बदमाशों ने पुलिस के हथियार भी लूट लिये। वहीं घटना को लेकर अब पुलिस की ओर से यह दावा भी किया जा रहा है कि एनकाउंटर में विकास दुबे के 3 साथियों को मार गिराया गया है।

40 साल पहले जब शहीद हुए थे 11 पुलिसकर्मी
आपको बता दें कि अब से तकरीबन 40 साल पहले नथुआपुर में भी ऐसी ही मुठभेड़ की घटना सामने आई थी। 21 सितंबर 1981 को एटा जिले के थाना अलीगंज में यह मुठभेड़ छबीर गिरोह और पुलिस टीम के बीच हुई थी। कानपुर मुठभेड़ की तरह ही उस दौरान भी पुलिस को भारी खामियाजा चुकाना पड़ा था। छबीराम गिरोह के साथ हुई मुठभेड़ में पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर राजपाल सिंह समेत 11 पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे। वह मुठभेड़ कानपुर से भी बड़ी थी। उस घटना के बाद इन 40 सालों के इतिहास में यह दूसरी ऐसी घटना है जब इतने ज्यादा पुलिसकर्मी शहीद हुए है।

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