कांग्रेस विधायक हैं पार्टी छोड़ने पर आमादा, तो हम क्या करें

कांग्रेस विधायकनई दिल्ली| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम में उसकी कोई भूमिका नहीं है, जहां मुख्यमंत्री पेमा खांडू और कांग्रेस के 42 विधायक पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल पीपीए में शामिल हो गए। पीपीए भाजपा का एक घटक दल है।

रिजिजू ने कहा, “यदि निर्वाचित विधायक कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहते तो दूसरा कोई क्या कर सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया, लेकिन अंतत: निर्णय तो विधायकों को ही लेना है। कांग्रेस ने बेवजह इसका दोष भाजपा पर मढ़ा है।” रिजिजू अरुणाचल पश्चिम संसदीय सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं।

रिजिजू ने कहा कि राज्य के स्थानीय नेता के नेता वह राज्य में कांग्रेस नेताओं की पीड़ा समझते हैं, क्योंकि पूर्वोत्तर के नेताओं के प्रति कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का रवैया लगातार उदासीन रहा है।

उन्होंने कहा, “अरुणाचल के मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस विधायक अपने केंद्रीय नेतृत्व से नाराज हैं। उन्हें अपने केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली में चार-पांच दिन इंतजार करना पड़ता है। इस कारण से विधायकों ने एक क्षेत्रीय पार्टी का दामन थाम लिया है।”

60 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 44 विधायक थे। लेकिन अब पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी ही कांग्रेस के विधायक रह गए हैं।

कांग्रेस ने जुलाई में तुकी को मुख्यमंत्री पद से हटाकर खांडू को मुख्यमंत्री बना दिया था।

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