कश्मीर में सेना को लेकर बड़ा फैसला, अजीत डोभाल के दौरे के बाद तैनात किए गए 10 हजार अतिरिक्त जवान !  

जम्मू-कश्मीर : कश्मीर हमारे देश का ऐसा अंग है उसे न तो अलग किया जा सकता है और मिलाने के लिए भी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं | इसका एक बड़ा कारण है | वहां फैला हुआ आतंकवाद | इसकी निगरानी कर रही हमारी सेना में कुछ और बदलाव किया गया |

आतंकवाद को चुनौती और सेना को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है | और ये अहम अतिरिक्त जवानों की तैनाती का फैसला ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल’ के जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे से लौटने के बाद लिया गया है |

सूत्रों की मानें तो अपने दौरे के दौरान अजीत डोभाल ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की थी | वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह ने बताया कि वह पहले से ही उत्तरी कश्मीर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की मांग करते रहे हैं |

उधर, गृहमंत्रालय द्वारा जारी किए गए ऑर्डर में कहा गया है कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती इसलिए की जा रही है ताकि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहतर करी जा सके |

DG दिलबाग सिंह ने बताया कि उत्तरी कश्मीर में जवानों की संख्या जरूरत से भी कम है | इसलिए हमें यहां अतिरिक्त जवानों की जरूरत थी | 100 कंपनियों को हवाई मार्ग से उत्तरी कश्मीर भेजा गया है | सूत्रों के अनुसार जम्मू-कश्मीर भेजे गए जवानों को देश के अलग-अलग इलाकों से चुना गया है |

 

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने को लेकर राज्य में 40 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई थी | वहीं, इस साल 24 फरवरी को 100 पारामिलिट्री फोर्स को घाटी में तैनात किया गया था |

उस दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि इन जवानों की तैनाती अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए की जा रही है | गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने दोबारा में सत्ता में आने के बाद अजीत डोभाल को एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था | इतना ही नहीं इस बार मोदी सरकार ने अजित डोभाल को केंद्रीय मंत्री का दर्जा भी दिया था |

मोदी सरकार ने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए लिया था | उनकी यह नियुक्ति पांच वर्षों के लिए होगी | बता दें कि अजित डोभाल पीएम मोदी की पिछली सरकार में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे |

गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल को कुछ महीने पहले ही ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी | अधिकारियों ने बताया कि उन्हें संभावित खतरों को देखते हुए ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा  दी गई |

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार सुरक्षा आकलन रिपोर्ट के बाद शौर्य डोभाल को केंद्रीय अर्धसैनिक बल के ‘मोबाइल सुरक्षा कवर’ के तहत लाया गया है |

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्हें उनके पिता और अन्य लोगों के विरोधियों से खतरा है | अजीत डोभाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है | अजीत डोभाल को करीब चार साल पहले इस सुरक्षा कवर के तहत लाया गया था |

 

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