ले लिया शहादत का बदला, भारतीय सेना ने किया ये बड़ा काम

जम्मू। जम्मू एवं कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की दो कोशिशों को सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया, लेकिन इस दौरान हुई गोलाबारी में सेना के दो जवान शहीद हो गए। जम्मू के पुंछ जिले में कृष्णा घाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ के दौरान की गई गोलाबारी और गोलीबारी में दो अन्य जवान और एक नागरिक घायल भी हो गए।

कश्मीर में पाकिस्तान

हालांकि, सेना ने सिर्फ एक भारतीय जवान के शहीद होने की बात कही है।

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट मनीष मेहता ने इससे पहले सेना ने शनिवार रात घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया था।

प्रवक्ता ने बताया, “सेना के चौकस जवानों ने संदिग्ध गतिविधियों को भांप लिया और घुसैपठियों को चुनौती दी। घुसपैठियों ने पाकिस्तान की ओर लौटने के प्रयास के दौरान गोलीबारी की।”

उन्होंने कहा, “इस दौरान 22 सिख रेजीमेंट के सिपाही गुरुसेवक सिंह (23) गोली लगने से घायल हो गए और बाद में उनका निधन हो गया।”

शहीद जवान गुरुसेवक के परिवार में उनके पिता बलविंदर सिंह हैं। वह पंजाब के अमृतसर स्थित तरणतारण के वाराना गांव के रहने वाले थे।

प्रवक्ता के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने कृष्णा घाटी सेक्टर और मेंधर सब सेक्टर में अंधाधुंध गोलीबारी की और गोले दागे।

एलओसी भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू एवं कश्मीर को विभाजित करती है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में कम से कम चार जगहों पर पाकिस्तानी सेना ने सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया। यह गोलीबारी सुबह 8.40 बजे शुरू हुई।

उन्होंने कहा, “भारतीय सेना ने समान क्षमता के हथियारों का इस्तेमाल कर प्रभावी तरीके से इसका जवाब दिया। गोलाबारी और गोलीबारी अभी भी जारी है।”

पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर दो दिनों की शांति के बाद रविवार को एक बार फिर संघर्षविराम का उल्लंघन कर गोलाबारी शुरू कर दी।

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