आपके पास है एसी, फ्रिज या कार, तो कल्याणकारी योजनाओं के लिए हैं ‘बेकार’

कल्याणकारीनई दिल्ली। सरकार की तरफ से आने वाली कल्याणकारी योजनाओं में तमाम नियम व शर्तें होती हैं। जिनके आधार पर ही लाभार्थियों को उनका हक मिल पाता है। अब इनमें एक नया पेंच फंसा दिया गया है। अगर आप घर पर एसी की ठंड़ी हवा और फ्रिज के पानी से गला तर कर रहे हैं तो कल्याणकारी योजनाओं के लिए ‘बेकार’ हैं। साथ ही अगर आपने दोपहिया वाहन अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए रखा है तो सरकार को आपकी बिल्कुल भी ‘जरूरत’ नहीं है।

शहरों में लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए मूल्यांकन किया जाएगा लेकिन माना जा रहा है कि बड़ी तादाद में लोग इन सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से नदारद रह जाएंगे। बिबेक देबरॉय कमेटी ने यह सिफारिशें की हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया कि खबर के मुताबिक, शहरी इलाकों में हर 10 में से 6 घरों का मूल्यांकन, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए किया जाएगा। एक सरकारी पैनल की सिफारिशों के तहत यह काम किया जाएगा।

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वहीं एक चौंकाने वाली बात यह है कि जिन घरों में फ्रिज, वॉशिंग मशीन और दोपहिया वाहन होंगे, वे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकेंगे। साथ ही वे घर भी अपने आप योजनाओं के लाभ से बाहर हो जाएंगे, जो 4 रूम सेट के होंगे या जहां 4 व्हीलर या फिर एयरकंडिश्नर होंगे। बिबेक देबरॉय कमेटी ने यह सिफारिशें की हैं।

इसके अलावा कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जिन्हें मिल सकेगा उनके बारे में भी रिपोर्ट में बताया गया है। योजनाओं के लाभ के अंतरगत वह घर-परिवार अपने आप आ जाएंगे जिनके पास कोई घर नहीं या फिर जिनके घर त्रिपालों से बने हुए हैं।

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ऐसे ही जिन घरों में कमाने वाला कोई वयस्क या पुरुष नहीं होगा उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि मूल्यांकन 0 से 12 के इंडेक्स स्कोर स्केल के हिसाब से किया जाएगा। मूल्यांकन के लिए आवासीय, सामाजिक और व्यावसायिक स्थिति जैसे मापदंडों पर ध्यान दिया जाएगा।

बता दें इससे पहले एसआर हाशिम कमेटी ने शहरी इलाकों में गरीबी की स्थिति को लेकर दिसंबर 2012 में रिपोर्ट दी थी जिसे सरकार ने मंजूर नहीं किया।

हाशिम कमेटी ने योजनाओं के लाभ दिए जाने को लेकर 41% घरों के मूल्यांकन की बात कही थी। वहीं खबर के मुताबिक बिबेक देबरॉय कमेटी की सिफारिशों के तहत, मूल्यांकन के लिए 59% घरों की बात की है।

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