कमलेश तिवारी हत्या के बाद संत समाज में आक्रोश हिंदू रक्षा यात्रा की शुरुआत

रिपोर्टसंजय पुंडीर

हरिद्वार। हिंदू नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद संत समाज इस निर्मम हत्या को लेकर आक्रोशित है और इसी को लेकर डासना पीठाधीश्वर यति नृसिंहानंद सरस्वती ने धर्म बचाओ अस्तित्व जगाओ नारे के साथ हिंदू रक्षा यात्रा की शुरुआत की है यह यात्रा पूरे भारत का भ्रमण किया जाएगा हिंदू रक्षा यात्रा लेकर निकले संत यती नरसिंहानंद सरस्वती इस यात्रा में बनारस उज्जैन पंजाब हिमाचल और देश के अन्य कोनों में जाकर संन्यासियों से धर्म की रक्षा के लिए खड़े होने की प्रार्थना करेंगे।

कमलेश तिवारी हत्या

हिंदू धर्म रक्षा के लिए यात्रा की शुरुआत करने वाले स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती का कहना है कि वह गाना कोई ना कोई इस्लामी जिहादी हिंदू नेताओं को मार रहे हैं एक तरफ सरकार ने कश्मीर से 370 हटाकर कश्मीर का राष्ट्रीयकरण किया है तो वहीं दूसरी ओर कश्मीरी जेहादी पूरे देश का कश्मीरी करण कर रहे हैं दुख की बात यह है कि कोई भी व्यक्ति आज हिंदू के लिए आवाज नहीं उठा रहा है योगी जी की नाक के नीचे हिंदू नेता कमलेश तिवारी की गर्दन काटकर हत्या कर दी जाती है यह पूरे हिंदू समाज के लिए एक बुरा चिन्ह है और यह आने वाले संकट का घोतक है।

यति नरसिंहानंद सरस्वती का यह भी आरोप है कि जांच में पाया गया है कि बरेली स्थित आला हजरत की दरगाह मैं रात के समय कमलेश तिवारी के हत्यारे रुके थे और हत्यारों के लिए फंड अजमेर की दरगाह से दिया गया था दरगाह पर बैठे हुए लोगों ने हमारी हत्याओं के लिए जिहादियों को पैसा देना शुरू कर दिया है और यह पैसा हमारे द्वारा ही दरगाह पर पहुंचाया जाता है हिंदू समाज कमलेश तिवारी जैसे नेताओं की कदर नहीं कर रहा है यह शर्म की बात है इस यात्रा के जरिए हम अपनी पीड़ा संतों के सामने रखने वाले हैं।

अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी का कहना है कि यति नरसिंहानंद सरस्वती की पीड़ा जायज है अगर हम पूर्व के समय की कुछ घटनाओं को देखें तो लगातार हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या कर दी आती है  अगर ऐसी घटनाओं  से सबक नहींं लिया जाता है तो आने वाला हिंदू संस्कृति और सनातन धर्म के लिए भयानक स्थिति पैदा करने वाला है बाबा हठयोगी का आरोप है कि संत आज के समय में धर्म और संस्कृति रक्षा के लिए नहीं है बल्कि संत आजकल अपने मान सम्मान के लिए बड़े बड़े मंदिरों और गाड़ियों के लिए आराम के लिए और अपनी चेलियों तक सीमित रह गए हैं धर्म और सनातन से उनका कोई लेना देना नहीं है मुर्दों का माल खा खा कर यह संत मुर्दे हो गए हैं।

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हिंदू नेताओं की लगातार हो रही हत्या के बाद डासना पीठाधीश्वर यती नरसिंहानंद सरस्वती हिंदू रक्षा यात्रा लेकर भारत भ्रमण पर निकले हैं इस यात्रा में जहां यती नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा जगह-जगह जाकर साधु-संतों से मुलाकात की जाएगी तो वहीं इस यात्रा में साधु-संतों से हिंदू धर्म की रक्षा के लिए खड़े होने की प्रार्थना भी की जाएगी।

 

 

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