नई दिल्ली : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग के छापे को लेकर सरकार की ओर से पहली प्रतिक्रिया आई हैं। वहीं मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय संभाल रहे अरुण जेटली ने कहा कि चुनाव आयोग और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियां चुनाव के दौरान काले धन पर नजर रखती हैं। यह उनका काम हैं। लेकिन इसका कोई लेना-देना नहीं है. वे हमारे पास नहीं आतीं और रिपोर्ट नहीं करती हैं।
बता दें की अरुण जेटली ने कहा कि जो लोग बेईमानी करने के बाद रो रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि उनके आवासों से करोड़ों रुपये कैसे बरामद हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में भ्रष्टाचार चरम पर होता है। जहां बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी है जो चेक और चुनावी बांड पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो कि सफेद धन हैं। यह काला धन रखने वालों को पकड़े जाने पर रोने की बजाए खुद पर शर्म करना चाहिए।
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वहीं आयकर विभाग ने कमलनाथ के भांजे रातुल पुरी, निजी सचिव और पूर्व पुलिस अधिकारी प्रवीण कक्कड़, सलाहकार रहे राजेंद्र कुमार मिगलानी और भोपाल में प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की हैं। रातुल पुरी, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे हुए हैं. रातुल पुरी का नाम राजीव सक्सेना से पूछताछ के दौरान चर्चा में आया था. राजीव सक्सेना का दुबई से अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील मामले में प्रत्यर्पण हुआ था।
दरअसल दिल्ली, भोपाल, इंदौर और गोवा समेत 50 ठिकानों पर मारे गए इस छापे में अब तक 9 करोड़ रुपये जब्त किए जाने की खबर हैं। देखा जाये तो आयकर विभाग की दिल्ली से आए 15 से अधिक अधिकारियों की टीम ने इंदौर में मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के घर देर रात 3 बजे छापा मारा हैं। स्कीम नंबर 74 स्थित घर के अलावा विजय नगर स्थित शोरूम, बीएमसी हाइट्स स्थित ऑफिस, शालीमार टाउनशिप और जलसा गार्डन, भोपाल स्थित घर श्यामला हिल्स, प्लेटिनम प्लाजा सहित अन्य स्थानों पर भी छापा मारा गया हैं।