कचहरी सीरियल ब्लास्ट मामले में आरोपियों को उम्र कैद, जानें क्या था मामला

रिपोर्ट- रुपेश श्रीवास्तव

आयोध्या- फैजाबाद कचहरी सीरियल ब्लास्ट मामले में विशेष अदालत में आज अपना फैसला सुना दिया। 12 साल पुराने इस मामले में अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम अशोक कुमार ने दो आरोपियों तारिक काजमी और मोहम्मद अख्तर और तारिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है हालांकि विशेष अदालत ने प्रकरण के तीसरे आरोपी सज्जादुर्रहमान को बरी कर दिया।

विशेष अदालत ने दोष सिद्ध दोनों आरोपियों को भादवि की धारा 302 और 120 बी में उम्र कैद तथा 50 हजार रुपया जुर्माना और जानलेवा हमले की धारा 307 में 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कचहरी सीरियल विस्फोट कांड के चौथे आरोपी खालिद मुजाहिद की मुकदमे के दौरान ही बाराबंकी जेल में हृदयाघात के चलते मौत हो गई थी। जिसके चलते अदालत में खालिद मुजाहिद की पत्रावली बंद कर दी थी।इस बहुचर्चित मामले की विवेचना प्रदेश सरकार की ओर से आतंक निरोधी सेल को सौंपी गई थी। एटीएस ने विवेचना के बाद चारों के खिलाफ आरोपपत्र अदालत में प्रस्तुत किया था। विशेष न्यायाधीश ने फैसले के लिए मामले के आरोपियों को मंडल कारागार तलब किया था।

23 नवंबर 2007 को जनपद समेत वाराणसी और लखनऊ की कचहरी में सीरियल धमाके हुए थे।जनपद कचहरी में वर्ष 2007 में कचहरी के दो अलग-अलग स्थानों पर कुछ ही समय अंतराल में हुए धमाकों मे वरिष्ठ अधिवक्ता राधिका प्रसाद मिश्र समेत कुल 4 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 26 लोग घायल हो गए थे। बहुचर्चित इस सीरियल धमाके के बाद कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों समेत राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने दौरा किया था। तत्कालीन पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह समेत आला पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने डेरा डाल दिया था।

मामले के खुलासे के लिए लगाई गई एसटीएफ की टीम ने बाराबंकी जनपद के रेलवे स्टेशन के पास प्रदेश की कचहरियों में सीरियल धमाकों में शामिल चार संदिग्ध आतंकियों तारिक काजमी, मोहम्मद अख्तर उर्फ तारिक, सज्जाद उर रहमान और खालिद मुजाहिद को गिरफ्तार किया था। प्रकरण की विवेचना प्रदेश सरकार ने एटीएस सेल के हवाले की थी। एटीएस सेल की ओर से चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया था।मामले की सुनवाई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंडल कारागार में बनाई गई विशेष अदालत में चल रही थी।

हालांकि इनमें से एक आरोपी खालिद मुजाहिद की बाराबंकी जिला कारागार में मौत हो गई थी। जिसके चलते उसकी पत्रावली बंद कर दी गई। बीते 10 दिसंबर को विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रथम अशोक कुमार की अदालत ने एटीएस के एसपीओ अतुल ओझा, सरकारी वकील विजय ओझा तथा बचाव पक्ष के वकीलों की बहस पूरी होने के बाद मामले में फैसले के लिए आज 20 दिसंबर की तिथि तय की थी।कचहरी सीरियल विस्फोट कांड में फैसले को लेकर जिला पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे।

 

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सजा मंडल कारागार स्थित विशेष अदालत में सुनाई जानी थी इसको लेकर मंडल कारागार परिसर को एटीएस में अपने घेरे में लिया था। सीरियल धमाके का दलवीर चुकी कचहरी की सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में भारी पुलिस बल और दस्तों को तैनात किया गया था। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरक्षा व्यवस्था और घटनाक्रम की निगरानी में जुटे थे।

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