व्‍यक्‍ति‍त्‍व की पहचान

आज के करीब 30 साल पहले जब भारत में शारीरिक खुलेपन पर बात नहीं होती थी, तब ओशो के वचन दुनिया के सामने नई रोशनी बनकर आए। भारत में तो इनका विरोध हुआ लेकिन दुनिया ने ओशो के वचन खुद में बसने दिए। दरअसल, यह ओशो के वचन सिर्फ शारीरिक खुलेपन की बात नहीं करते थे। यह जीवन जीने का एक अलग ही तरीका बयां करते थे। जानिए क्या सोचते थे आेशो।

ओशो के वचन

ओशो के वचन

1: जीवन आंख मूंदकर खुद को दोहराता है – जब तक आप इसके प्रति जागरूक नहीं हो जाते हैं, यह एक चक्र की तरह दोहराता रहेगा।

2: अच्छा – बुरा,  कड़वा– मीठा,  अँधेरा– प्रकाश, गर्मी– सर्दी – सभी संभव तरीके से जीवन का अनुभव होता है। अनुभव से डरो मत, क्योंकि आपको अधिक अनुभव होने से आपकी परिपक्वता बढ़ेगी.

3: जब अपका प्यार सिर्फ दूसरे को पाने की इच्छा नहीं है, जब आपका प्यार केवल एक जरुरत नहीं है, जब अपका प्यार साझा है, जब आपका प्यार एक भिखारी का न होकर एक सम्राट का है, जब अपका प्यार बदले में कुछ मांगता नहीं बल्कि केवल देने को तैयार है, – विशुद्ध रूप से देने की ख़ुशी के लिए देने को – तब इसके साथ ध्यान को जोड़ो और ताकि इससे शुद्ध खुशबू स्रावित होगी। यही कृपा है। कृपा ही उच्चतम कोटि की अदभुत चीज है.

4: आप चाहो उतने अधिक से अधिक लोगों से प्यार कर सकते हो – इसका मतलब यह नहीं कि आप एक दिन दिवालिया हो जाओगे, और आपको घोषणा करनी पड़ेगी कि, ‘अब मेरे पास कोई प्यार नहीं है.’ जहाँ तक प्यार का मामला है आपका दिवालिया नहीं निकलेगा.

5: याद रहे दर्द आपको दुख देने के लिए नहीं है. लोग यहीं भूल करते हैं … यह दर्द सिर्फ आपको और अधिक सतर्क करता है – क्योंकि लोग केवल तब सतर्क होते हैं जब तीर उनके दिल में गहरा चला जाता है और उन्हें आघात पहुंचता है.

6: अतीत खत्म हो चुका है और भविष्य अभी तक नहीं आया है : दोनों अनावश्यक रूप से घुमते रहते हैं जिनकी कोई दिशा नहीं होती है. एक वर्तमान ही कुछ करने के लिए सामने रहता है, लेकिन वो लम्बा नहीं टिकता है, और कोई तो जीने शुरूआत भी नहीं कर पाता है. सही व्यक्ति केवल वो है जो पल-पल को जीता है.

7: एक बार आप जीवन की सुंदरता को देखना शुरू देंगे, तो कुरूपता गायब होना शुरू जाती है. आप खुशी के साथ जीवन को देखना शुरू करते हैं, तो उदासी गायब होना शुरू हो जाती है. आप एक साथ स्वर्ग और नरक में दोनों में साथ नहीं रह सकते हैं, आप केवल एक में ही रह सकते हैं. जो आपकी पसंद है.

8: आप अपने जीवन की पकड़ हाथों ले। पूरा ब्रह्माण्ड झूमता दिखेगा। ये पेड़ गंभीर नहीं हैं, ये पक्षी गंभीर नहीं हैं।  नदियां और महासागर जंगली हैं, और हर जगह मौजमस्ती है, हर जगह खुशी और आन्नद की बात है।  ब्रह्माण्ड को देखो, ब्रह्माण्ड को सुनो और इसका हिस्सा बन जाओ।

9: प्यार में पड़ने से आप एक बच्चे की तरह रहेंगे।  प्यार में बढ़ोतरी से आप परिपक्व होते हैं। प्यार से तुरंत कोई रिश्ता नहीं बन जाता है, इससे आपकी हस्ती बनती है। फिर आप प्यार में नहीं हैं बल्कि – अब आप खुद ही प्यार हैं।

10: कुछ बनने का विचार छोड़ दें, क्योंकि आप पहले से ही एक अत्युत्तम कृति हैं। आप में सुधार नहीं किया जा सकता है. आपको केवल अपनी कृति पर आना होगा, इसे जानना होगा, इसे साकार करना होगा.

 

 

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