उरी हमला : मारे गए चारों आतंकियों के शवों का सेना ने किया यह हश्र

उरी हमलादिल्‍ली। भारतीय सैनिकों द्वारा मारे गए चारों पाकिस्‍तानी आतंकियों के शवों को सेना ने सोमवार को घटना स्‍थल के पास ही दफना दिया। उरी हमला में 18 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

पाकिस्‍तान से आए आतंकियों द्वारा किए गए इस हमले से भारत के राजनीतिज्ञ और सेना ही नहीं बल्कि पूरा देश गुस्‍से से उबल पड़ा था। देश के हर कोने से पाकिस्‍तान पर त्‍वरित कार्रवाई की मांग उठ रही थी। कई संगठनों और लोगों ने मारे गए आतंकियों के शवों को कूड़े के साथ जला देने की मांग सरकार से की थी।

उरी हमला के बाद भारतीय जनता गुस्‍से में

इंडियन एक्‍सप्रेस के मुताबिक सेना को डर था कि अगर आतंकियों के शवों को पोस्‍टमार्टम के लिए अस्‍पताल भेजा गया तो वहां जनता इकट्ठा हो सकती है। चूंकि देश की जनता बहुत गुस्‍से में थी, इसलिए सेना ने अपने कैम्‍प में ही स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम बुलाकर शवों का पोस्‍टमार्टम कराया।

दरअसल सेना नहीं चा‍हती थी कि शव उसके कैम्‍प से बाहर जाएं या उन आतंकियों की शक्‍ल कोई देखे। इसलिए सेना ने पोस्‍टमार्टम होने के बाद स्‍थानीय पुलिस और 10-15 स्‍थानीय लोगों को बुलाया तथा शव को उनके हवाले कर दिया।

स्‍थानीय लोगों ने आनन-फानन में नमाज-ए-जनाजा पढ़ा और तुरत-फुरत उन्हें दफना दिया। सेना आम तौर पर विदेशी आंतकियों के शव को उरी से 25 किलोमीर दूर स्थित उत्तरी कश्मीर के एक कब्रगाह में दफन करवाती है जो खास इसी मकसद के लिए बनाई गई है।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, “पोस्ट-मॉर्टम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार सभी आतंकियों की उम्र 25 के आसपास थी।” स्थानीय नागरिकों के अनुसार उरी बाजार कमेटी के सदस्य, एक इमाम और कुछ वरिष्ठ स्थानीय नागरिकों को आंतकियों का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम जांच के लिए उरी पहुंच चुकी थी।

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