उपचुनाव की तैयारी में BJP, इस बार सांसदों के बेटे-बेटियों या रिश्तेदार को टिकट नहीं मिलेगा !

लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी अब उपचुनाव की तैयारी में जुट गई है. बीजेपी इन उपचुनावों में जीते हुए सांसदों के बेटे-बेटियों या रिश्तेदार को टिकट नहीं देगी.

विधायक से सांसद बने नेताओं नेताओं को लेकर पार्टी ने बड़ा फैसला किया है. बीजेपी उपचुनाव की सीटों पर किसी चुने गए सांसद के परिवार को टिकट नहीं देगी. मतलब इस बार उपचुनाव में सभी सीटों पर नए कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाएगा.

हाल ही में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में ये फैसला लिया गया है. यूपी में कुल 12 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिनमें ज्यादातर सीटों पर जीते हुए सांसदों के परिवारों ने गुपचुप तरीके से अपनी दावेदारी ठोक दी थी.

पार्टी ने इसे भांपते हुए साफ कर दिया कि किसी भी जीते हुए सांसद के किसी भी रिश्तेदार को टिकट नहीं दी जाएगी.

 

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भारतीय जनता पार्टी यूपी की सभी सीटों के साथ-साथ रामपुर विधानसभा सीट पर जोर लगा रही है. समाजवादी पार्टी के चर्चित नेता आजम खान के गढ़ कहे जाने वाले इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को रामपुर विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया गया है.

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में एसपी, बीएसपी और आरएलडी के गठबंधन की उम्मीद पर पानी फेरकर बड़ी सफलता हासिल की.

चुनावों में प्रत्याशी रहे कई बीजेपी विधायक सांसद बने हैं, इनमें गोविंदनगर (कानपुर), टूंडला (फिरोजाबाद), कैंट (लखनऊ), जैदपुर (बाराबंकी), मानिकपुर (चित्रकूट), बलहा (बहराइच), गंगोह (सहारनपुर), इगलास (अलीगढ़), प्रतापगढ़, हमीरपुर से बीजेपी के विधायकों को सांसद चुना गया है.

उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 11 सीटों पर जहां एक-एक मंत्री को लगाया गया है, वहीं हारी हुई सीट जलालपुर जीतने के लिए दो मंत्रियों की तैनाती की गई है. फिलहाल, बीजेपी जिताऊ उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने में जुटी है.

 

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