योगी ने अपनाया नया पैंतरा, अब उत्तर प्रदेश विधानसभा में दिखेगी दिल्ली की हनक

उत्तर प्रदेश में विधानसभालखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का प्रयास होगा कि उप्र विधानसभा की कार्यवाही ठीक उसी तरह चले, जिस तरह लोकसभा की चलती है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर उन्होंने लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों से भी बात की है और उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

लखनऊ स्थित विधानभवन में दीक्षित ने कहा, “मैं दो दिनों के लिए दिल्ली गया था। इस दौरान मेरी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से भी हुई। इसी दौरान मैंने लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों से भी मुलाकात की और वहां की कार्य संस्कृति को समझने का प्रयास किया। इस दौरान वहां के अधिकारियों ने सहयोग का भरोसा दिलाया।”

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “विधानसभा में मैं काफी लंबे समय से हूं और इस दौरान लगभग हर समिति का सदस्य रह चुका हूं। इस दौरान समितियों के कामकाज को काफी करीब से देखने का मौका मिला है। लेकिन जिस तरह से संसद की लोक लेखा समिति के पास अधिकार होते हैं, उस तरह का अधिकार विधानसभा की लोक लेका समिति के पास नही हैं।”

उन्होंने कहा, “विधानसभा की समितियों को कार्यवाही को ब्रीफ करने का अधिकार नहीं होता। जैसी स्थिति बनती है, वह सदन की इच्छा से बनती है, इसमें अध्यक्ष की इच्छा शामिल नहीं होती।”

दीक्षित ने कहा कि सदन में आने वाले नए विधायकों को दो दिन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और इसके लिए दिल्ली से टीम आएगी। इस दौरान संसद की कार्यवाही की अच्छी समझ रखने वाले वक्ताओं को भी बुलाया जाएगा। चाहे वह किसी भी दल से ताल्लुक रखते हों। दो दिनों के भीतर ही हालांकि सदस्यों को पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रारंभिक जानकारी उन्हें अवश्य मिल जाएगी, जिसका लाभ वह सत्र के दौरान उठा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान नए विधायकों को सदन की गरिमा, सदन में अपना प्रश्न रखने, प्रश्नों का जवाब देने के बारे में बताया जाएगा। जरूरत पड़ेगी तो दो दिन के अलावा भी प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाए जाएंगे। इसका विकल्प खुला हुआ है।

यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा की तर्ज पर ही उप्र में विधानसभा का अपना चैनल होगा, जिससे सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जा सके, इस पर उन्होंने कहा, “यह काफी खर्चीला काम है। सदन ने फिलहाल इस पर कोई विचार नहीं किया है और न ही इस तरह का कोई प्रस्ताव है।”

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि उप्र विधानसभा में एक वर्ष के भीतर कम से कम 90 दिनों तक सत्र की कार्यवाही चले। दीक्षित ने कहा, “इसका मकसद यह है कि सदन के भीतर खूब बहस हो, वाद विवाद हो और सदस्यों के बीच संवाद हो। इससे नए सदस्यों को काफी सीखने को मिलेगा।”

प्रशिक्षण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाए जाने के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल इस तरह का कोई विचार नहीं है।

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