ईवीएम खुलासे पर भड़का चुनाव आयोग, बोला- जब मशीन ही नहीं दी तो लाए कहां से…   

ईवीएम खुलासे पर भड़कानई दिल्ली दिल्ली विधानसभा में हुए आम आदमी पार्टी के ईवीएम खुलासे पर भड़का चुनाव आयोग। उसने ईवीएम में गड़बड़ी के मामले में आप नेता सौरभ भारद्वाज द्वारा दिल्ली विधानसभा में दिखाए गए डेमो को न केवल गलत ठहराया, बल्कि जिस मशीन से डेमो दिया गया उसे ईवीएम मानने से भी इनकार कर दिया है।

ईवीएम खुलासे पर भड़का चुनाव आयोग

बता दें भारत में ईवीएम मशीन भारी सुरक्षा बंदोवस्त के बीच रखे जाते हैं। चुनावों के वक्त इसकी जिम्मेदारी संबंधित राज्यों के निर्वाचन विभाग और संबंधित जिलाधिकारियों की होती है।

मतदान के बाद उसे स्ट्रॉन्ग रूम में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखी जाती है ताकि कोई भी उसके साथ किसी तरह का अवैध कार्य करे।

मतगणना के बाद फिर से सारी ईवीएम चुनाव आयोग के नियंत्रण में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखी जाती है।

यानी एक साधारण इंसान सिर्फ चुनावों के वक्त ही ईवीएम का दीदार कर पाता है। लिहाजा, साफ है कि कोई भी शख्स ईवीएम के साथ इस तरह का डेमो नहीं दिखा सकता।

हालांकि, चुनाव आयोग पहले भी कह चुका है कि ईवीएम के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है।

आयोग ने इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को खुली चुनौती भी दी थी कि कोई भी आकर उसमें छेड़छाड़ कर के दिखाए लेकिन तब किसी भी दल ने ऐसा नहीं किया।

इस दौरान आप ने कहा कि उसकी तरफ से कई बार चुनाव आयोग से संपर्क किया गया कि उसे एक ईवीएम दी जाय ताकि उसमें टेम्परिंग कर के दिखाया जा सके लेकिन आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया।

बहरहाल जिस मशीन के जरिए आप विधायक ने लाइव टेम्परिंग डेमो दिखाया है वो एक गेमिंग मशीन है जो ईनीएम टाइप का है। इसे आईआईटी के अल्यूमुनाइज ने डेवलप किया है।

ख़बरों के मुताबिक़ सौरभ ने वहां दिखाया कि ईवीएम में किस तरह से गड़बड़ी होती है। वह पहले झाडू और फिर एक-एक करके सभी पार्टी को एक-एक वोट दे देते हैं। फिर वह दोबारा आप, हाथी, भाजपा, कांग्रेस समेत पांचों पार्टियों को एक-एक वोट दे देते हैं। ऐसे सभी पार्टियों को दो-दो वोट मिल जाते हैं।

सौरभ बताते हैं कि बूथों पर कुछ घंटे सही से ईमानदारी के साथ वोटिंग होती है फिर घपला तब शुरू होता है जब पार्टी कार्यकर्ता कथित रूप से वोटर बनकर वहां पहुंचकर कोड डाल देता है।

सौरभ भारद्वाज दावा करते हैं कि कोड डालकर मशीन में गड़बड़ी की जा सकती है। वह कुछ कोड भी दिखाते हैं।

भारद्वाज दावा करते हैं कि बटनों के द्वारा पार्टी के कार्यकर्ता सीक्रेट कोड डालकर चले जाते हैं। वीडियो के मुताबिक, सौरभ ने सभी उम्मीदवारों को दो-दो वोट डाले।

वहीं जो कथित कार्यकर्ता वोट डालने आया उसने अपना वोट भाजपा को देकर कोड एक्टिव कर दिया। जिसके बाद हुई वोटिंग में सबसे ज्यादा वोट आप को मिलने के बावजूद भाजपा का उम्मीदवार जीत गया।

सौरभ दिखाते हैं कि कोड डालने के बाद लोग वोट डालने आए और सबने झाड़ू को वोट दिया। जिसके बाद आप के 10 वोट हो जाते हैं। लेकिन जब रिजल्ट देखे जाते हैं को तीसरे नंबर यानी भाजपा के उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं। इसके बाद विधानसभा में हंगामा होने लगता है।

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