इस दौरान न करें पेट दर्द को नजरंदाज, महिलाओं को हो सकती है ये खतरनाक बीमारी

पेट दर्दपीरियड्स के दौरान पेट दर्द की समस्‍या आमतौर पर हर महिला को होती है। आमतौर पर हम इसे नजरअंदाज कर देते हैं, या मेडिकल स्‍टोर में जाकर कोई भी दवाई ले लेते हैं। कभी-कभी तो दर्द इतना बढ़ जाता है कि लगता है जान ही निकल जाएगी। आपको बता दें पीरियड्स के दौरान हो रहा पेट दर्द हमेशा नॉमर्ल नहीं होता। एन्डोमेट्रीओसिस (endometriosis) इसका एक बहुत बड़ा कारण भी हो सकता है।

क्‍या होता है एन्डोमेट्रीओसिस

एन्डोमेट्रीओसिस एक ऐसा विकार होता है जिसमें महिला के गर्भाशय (यूटेरस) की बाहरी परत बनाने वाला ऊतक (टिश्यू) असामान्य रूप से बढ़ जाता है। यह शरीर के अन्य अंगो जैसे अंडाशय, डिम्ब नली व अन्य आंतरिक अंगो तक फ़ैल जाता है। पीरियड्स के दौरान, हॉर्मोन बदलाव में यह टिश्यू टूट कर एडहेशन या स्कार टिशू की समस्या उत्पन्न कर देता है। जब तक यह ज्यादा गम्भीर स्थिति में न पहुंचा हो और इससे महिला को कोई परेशानी न हो इसके लिए इलाज की जरूरत नहीं होती है। स्थिति अनुसार नियमित डॉक्टरी जांच ज़रूरी होती है। किस तरीके से इलाज करना है यह महिला की उम्र, स्वास्थ्य, बांझपन और लक्षणों के अनुसार तय किया जाता है।

एन्डोमेट्रीओसिस एक ऐसी समस्या है जिसकी शिकायत बहुत सी महिलाएं करती हैं। एक सर्वे में पता चला कि भारत में हर साल इसके 10 मिलियन केसेस पाए जाते हैं। 14 से 60 साल की उम्र की महिलाएं इससे ज्‍यादा प्रभावित होती हैं। इसमें केवल पेट दर्द की समस्‍या ही नहीं होती। ऐसी समस्‍या होने पर शीघ्र ही नियमित रूप से डॉक्‍टर से संपर्क करें।

इनके मुख्‍य कारण जानना मुश्किल है। डायटिशन गीता शेनॉय की माने तो यह हार्मोनल बदलाव और जीवनशैली से जुड़ी समस्‍या है। आज हम आपको कुछ तरीके बताएंगे जिससे आप इसकी गंभीरता कम को कम कर सकती हैं।

तनाव से दूर रहें– तनाव और एन्डोमेट्रीओसिस का सीधा संबंध होता है। गीता शेनॉय कहती हैं कि, ऐसी बहुत-सी महिलाएं जो निज़ी ज़िंदगी में बहुत अधिक तनाव लेती हैं। उन्हें एन्डोमेट्रीओसिस की समस्या हो सकती है। इसीलिए तनाव दूर करने के तरीके अपनाएं, योग और ध्यान करें। मन बदलने के लिए दोस्तों के साथ घूमें। अगर तनाव आप पर हावी हो रहा है तो, कोई हॉबी क्लास ज्‍वाइन करें।

वज़न पर रखें कंट्रोल- इस बीमारी में बहुत-सी महिलाओं का वज़न भी बहुत अधिक होता है। गीता शेनॉय कहती हैं, ऐसे में महिलाएं सही डायट और एक्सरसाइज़ की मदद से वज़न कंट्रोल कर सकती हैं। अपना कैलोरी चार्ट बनाएं। चाहें तो फिटनेस ऐप भी डाउनलोड कर सकती हैं।

एक्सरसाइज़ करें– एक्सरसाइज़ करने से हम स्‍वस्‍थ्‍य रहते हैं। ऐसे समय पर हम ज्‍यादातर आराम करना चाहते हैं। ल्रकिन थोड़ी हिम्‍मत जुटा कर नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करने से फायदा होता है।

सही भोजन करें– ताज़े फल, सब्ज़ियां, मेवे और हेल्दी फैट युक्‍त खाना खाएं। फाइबर और मोनोसोडियम ग्लूटामेट अच्‍छी मात्रा में लें। फास्‍ट फूड और जंक फूड कम खाएं। इससे सेहत में सुधार होगा।

व्यसन छोड़ दें- कैफीन कम मात्रा में लें। शराब से दूर रहें। लीवर आपके सिस्टम से अत्यधिक एस्ट्रोजेन को नष्ट करने का काम करता है। शराब से लीवर की क्षमता प्रभावित होती है। कैफीन से एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ता है। जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

रात में अच्‍छी नींद लें – रात की नींद को ‘ब्यूटी स्लीप’ भी कहा जाता है। रात में अच्‍छी नींद लेने से हम रिलैक्‍स और फ्रेश महसूस करते है। कम नींद सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। नियमित रूप से न सोने से और ज्‍यादा जागने से सेहत से संबंधित बहुत सी समस्‍याएं होती हैं। इससे एन्डोक्राइन सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है। जो हार्मोन्स के स्राव पैटर्न में परिवर्तन का कारण बन सकता है।

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