इस अफसर के नाम से थर्राते हैं नक्सली

अफसर

रांची। आज जहां एक ओर अफसरशाही पर भ्रष्‍टाचार के इल्‍जाम लगते रहते हैं वहीं कुछ ऐसे भी अफसर हैं जो अपनी साख बचाए हुए हैं। उनके कारनामे आज मिसाल के तौर पर पेश किए जाते हैं। ऐसे ही एक आईपीएस अफसर हैं प्रकाश रंजन मिश्र, आइए जानते हैं कौन हैं ये।

प्रकाश रंजन मिश्र ने अब तक लगभग 100 नक्‍सलियों को मार गिराया है व 100 को जिंदा पकडा है। इनकी पोस्टिंग ज्‍यादातर पोस्टिंग देश के अतिसंवेदनशील और नक्सल प्रभावित खूंटी जिले में है। असम, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर और ओडिसा के बाद उनकी पोस्टिंग झारखंड में हुई है। वह राज्य में प्रतिनियुक्ति पर हैं। CRPF के कोबरा बटालियन में भी इन्होंने चार साल तक काम किया है।

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साल 2012 में चतरा जिले में पोस्टिंग के दौरान प्रतापपुर के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान इनकी मुठभेड़ हो गई थी। बड़ी संख्या में नक्सलियों का दस्ता इनके सामने था। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन मोर्चे पर डटे रहे। एयरलिफ्ट करके इन्हें सकुशल निकाला गया था।

वह बतौर ASP झारखंड के नक्सल प्रभावित 6 जिलों में पोस्टेड रहे हैं। इन्होंने 100 से अधिक नक्सलियों को जिंदा पकड़ा है। इनकी सबसे बड़ी कामयाबी स्पेशल एरिया कमेटी के मेंबर अनूप ठाकुर को गिरफ्तार करना है। इनकी बहादुरी के किस्से इनके विभाग में भी मशहूर हैं। बड़े अधिकारी भी तारीफ करते नहीं थकते हैं।

प्रकाश रंजन को छह बार राष्ट्रपति पदक और एक बार शौर चक्र से नवाजा गया है। उनकी उपलब्धि पर उनका परिवार खुशी से फूला नहीं समाता है। उनकी पत्नी का कहना है कि उनके मन के लायक प्रोफेशन मिला है। उनकी जैसी इच्छा थी वह करते गए। पिता भी बेटे की इस उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस करते हैं।

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