इस अध्यादेश के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मांगा केद्र सरकार से जवाब

उच्चतम न्यायालय ने आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2019 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को केन्द्र और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने आधार (आधार सत्यापन सेवाओं का मूल्य) नियमन, 2019 को दी गयी चुनौती पर भी केन्द्र और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को नोटिस जारी किये। इस मामले में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2019 का अध्यादेश और विनियमनों से संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।

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याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस अध्यादेश के माध्यम से आधार की व्यवस्था तक निजी पक्षकारों को पिछले दरवाजे से पहुंचने की अनुमति प्रदान करना है और इस तरह से राज्य और निजी पक्षकार नागरिकों की निगरानी कर सकते हैं जबकि ये नियम लोगों की व्यक्तिगत और संवेदनशील सूचनाओं के वाणिज्यिक शोषण की अनुमति प्रदान कर सकते हैं।

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