इमरान ने ट्रंप को किया फोन , कश्मीर मुद्दे को लेकर कही बड़ी बात…

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की एक के बाद एक पोल खुलती नज़र आ रही हैं। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे को लेकर इमरान खान से बातचीत की।

 

खबरों की माने तो इमरान ने गुरुवार को ट्रंप को फोन कर उनके साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की, जिसमें अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया और कश्मीर मुद्दा भी शामिल था।

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कार्यालय के बयान में कहा गया है कि इमरान ने राष्ट्रपति ट्रंप की कश्मीर को लेकर लगातार मध्यस्थता की पेशकश करने की सराहना की है। पाकिस्तानी पीएम जोर देकर कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए।

वहीं ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए बार-बार मध्यस्थता की पेशकश की है। वहीं भारत हर बार यह कहता रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला है जिसमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा कि इमरान खान ने ट्रंप से कहा कि अफगानिस्तान में पश्चिमी बंधकों की रिहाई एक सकारात्मक कदम था और पाकिस्तान खुश था कि वे सुरक्षित और स्वतंत्र थे। बयान के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप ने इस सकारात्मक कदम को लेकर पाकिस्तान के प्रयासों के लिए इमरान को धन्यवाद दिया है।

इमरान ने ट्रंप से एक शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान के लिए अफगान शांति और सुलह प्रक्रिया की प्रगति के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। साथ ही दोनों नेता इस साझा उद्देश्य के लिए साथ काम करना जारी रखने पर सहमत हुए।

जहां अफगान तालिबान ने मंगलवार को दक्षिणी अफगानिस्तान में दो बंधकों को रिहा कर दिया, उन्हें काबुल से तीन साल पहले अपहरण किया गया था। तालिबान ने उन्हें अमेरिकी सेना को सौंप दिया। वहीं, दूसरी ओर इमरान ने ट्रंप से कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर भी बातचीत की।

पांच अगस्त को नई दिल्ली द्वारा जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। कश्मीर पर भारत के कदम के विरोध में पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों पर रोक लगा दी और विरोध को दिखाने के लिए उसने इस्लामाबाद से भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया।

दरअसल पाकिस्तान की तरफ से लगातार कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश की जा रही है लेकिन भारत ने यह मान लिया है कि अनुच्छेद 370 को हटाना उसका आंतरिक मामला था।

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