आराम कर रहे मरीजों के पसीने की जांच करेगा नया बायोसेंसर

बायोसेंसरन्यूयॉर्क| शोधकर्ताओं ने एक ऐसा बायोसेंसर विकसित किया है, जो एक रासायनिक उद्दीपक के इस्तेमाल से आराम करने के दौरान भी मरीजों में पसीना पैदा कर सकेगा, जो हार्मोस एवं रसायनों की जांच में रक्त की जांच से कई मायनों में अधिक उपयोगी साबित होता है। शोधपत्रिका ‘लैब ऑन ए चिप’ के ताजा अंक में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।

रक्त की जांच को जैवीय विश्लेषण में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन रक्त जांच जहां पीड़ादायी होता है और इसके लिए एक प्रयोगशाला की जरूरत भी होती है। चिकित्सकों के लिए पूरे दिन या कई घंटे रक्त के नमूने को मॉनीटर करना भी कठिन होता है।

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सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जैसन हेइकेनफेल्ड ने कहा कि रासायनिक मार्कर्स से युक्त जांच पद्धति में पसीना जैवीय विश्लेषण के लिए एक गैर पीड़ादायी विकल्प देता है। यह स्वास्थ्य की जांच के लिए लार या आंसू की तुलना में ज्यादा उपयोगी है।

हेकेनफेल्ड ने कहा, “लोग लंबे समय से पसीने को नजरअंदाज करते रहे हैं, क्योंकि जैवीय विश्लेषण के लिए उच्च गुणवत्ता वाला तत्व होने के बावजूद मरीज के शरीर से इसे हासिल करना हमेशा संभव नहीं हो पाता।”

हेइकेनफेल्ड ने कहा, “हमारा मकसद उन तरीकों को हासिल करना था, जिससे कि जब भी जरूरत हो पसीना निकाला जा सके।”

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शोध के लिए शोधकर्ताओं ने सेंसर्स व एक कार्बाचोल नाम के जेल का इस्तेमाल किया। कार्बाचोल एक रसायन है जो आंख की दवाओं में इस्तेमाल होता है। इसे हाथ पर 2.5 मिनट के लिए लगाया गया।

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