आरक्षण पर मोदी सरकार का वार, नहीं मिलेगा क्रीमीलेयर के बच्चों को रिजर्वेशन
नई दिल्ली। बीते दिनों ओबीसी आरक्षण पर फैसला लेकर उबाल लाने वाली मोदी सरकार ने एक और तगड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में फैसला लिया गया कि आरक्षण का लाभ लेकर अधिकारी बनने वालों के बच्चों को ‘वो सुख सुविधा’ नहीं मिलेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। देश में करीब 300 पब्लिक सेक्टर की कंपनियां हैं। पब्लिक सेक्टर उपक्रम यानी सरकारी कंपनियों, बैंक और तमाम वित्तीय संस्थानों में काम करने वाले अधिकारियों के बच्चों अब आरक्षण का फायदा नहीं उठा सकेंगे। सरकार का दावा है कि ये मामला पिछले 24 सालों से लंबित था।
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सरकार के मुताबिक ओबीसी के आरक्षण को दरकिनार कर आय मापदंडों और पदों की गलत व्याख्या के कारण अब तक इन सरकारी कंपनियों में कार्यरत अधिकारियों के बच्चों को गैर-क्रीमीलेयर मान लिया जाता था और असली गैर-क्रीमीलेयर उम्मीदवार आरक्षण से वंचित रह जाते हैं।
दरअसल, मोदी सरकार ने बुधवार को सरकारी पदों की ग्रुप ‘ए’ के समतुल्य पब्लिक सेक्टर कंपनियों और बैंकों में भी अधिकारियों का एक वर्ग बनाने की मंजूरी दे दी।
अब पब्लिक सेक्टर कंपनियों में एग्जिक्यूटिव स्तर के सभी पद जैसे बोर्ड स्तर के एक्जिक्यूटिव और मैनेजर स्तर के पदों को सरकार के ग्रुप ‘ए’ के समकक्ष माना जाएगा।
वहां, सरकारी बैंकों और बीमा व वित्तीय कंपनियों में जूनियर प्रबंधन ग्रेड स्केल-1 और उसके ऊपर के अधिकारियों को भारत सरकार के ग्रुप ‘ए’ के अधिकारियों के बराबर माना जाएगा। इससे इन पदों पर बैठे अधिकारी अब क्रीमीलेयर में माने जाएंगे, यही कारण उनके बच्चों को आरक्षण से दूर करने का आधार बनेगा।
साभार : (न्यूज़18)