आमने-सामने हो सकते है पिता-पुत्र, निभाएंगे पक्ष-विपक्ष की भूमिका

अभिनव त्रिपाठी

यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक है पार्टियां अपना दम-खम दिखा रहीं है। सारी पार्टियां मजबूत प्रत्याशी तलाश कर रहीं है। इसी बीच समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ सीट को लेकर एक ऐसा दांव चला है जिसमें राजनीतिज्ञ फँसते हुए नजर आए है। आपको बता दें की चार बार विधायक और सांसद रहे रमाकांत यादव को फूलपुर पवई सीट से प्रत्याशी बनाया है। दिलचस्प बात ये है कि इस सीट से उनके बेटे अरुणकांत यादव मौजूदा विधायक हैं और इस बार भी उनका चुनाव लड़ना लगभग फाइनल है। अगर ऐसा हुआ तो यहाँ पर पिता- पुत्र की लड़ाई देखने को मिल सकती है।

आपको बता दें की रमाकांत यादव की गिनती  पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में की जाती है। उनका राजनैतिक करिअर देखें तो वो फूलपुर से चार बार विधायक चुने गए हैं जबकि आजमगढ़ से चार सांसद भी रह चुके है। जब 2019 में भाजपा से टिकट नहीं मिला तो वो कांग्रेस का दामन थाम लिए और भदोही से लोकसभा चुनाव लड़े मगर उन्हे हार का सामना करना पड़ा। कुछ दिन पहले ही उन्होंने सपा का दामन थाम लिया।
पहले कायास लगाया जा रहा था कि सपा उन्हे जौनपुर की मल्हनी सीट से मैदान में उतारेगी ताकि वो बाहुबली संजय सिंह को टक्कर दे सकें लेकिन सपा ने अपने फैसले से सबको चौका दिया। आपको बताते चले कि सपा के इस चाल से पार्टी के अंदर कलह मच सकती है क्योंकि पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव और रमाकांत में 36 का आंकड़ा है। वो भी टिकट के दावेदार थे। सबकी निगाहें अब अरुणकान्त यादव पर टिकी है जो ये कह चुके है पिता लड़े या फिर चाहे जो वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। यहाँ पर मतदान सातवें चरण में होगा और पिता पुत्र की सीधी टक्कर चर्चा का विषय है।

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