आज का सुविचार: भले ही बात कड़वी हो लेकिन यही सत्य है, जरुर पढ़े

♦ पुत्र की परख विवाह के बाद।

♦ पुत्री की परख जवानी में।

♦ पति की परख पत्नी की बीमारी में।

♦ पत्नी की परख पति की गरीबी में।

♦ मित्र की परख मुसीबत में।

♦ भाई की परख लड़ाई में।

♦ बहन की परख जायदाद में।

♦ औलाद की परख बुढ़ापे में होती है।

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