आगरा: बंदरों को कचरे में भोजन की तलाश ने बना दिया खूंखार, विशेषज्ञ बोले इन बातों का रखे खास ख्याल

आगरा: काला महल में दो घंटे तक बंदरों के आक्रामक होने और हमले की घटना सामने आने के बाद लोगों में डर का माहौल देखा जा रहा है। इस बीच हमले और आतंक से बचने के लिए वन्य जीव विशेषज्ञों ने सुझाव दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को अपनी मानसिकता में बदलाव करना होगा। इस बीच कचरे में खाने-पीने की चीजों को फेंकना बंद करना होगा।

पूर्व डीएफओ और नेशनल चंबल सेंक्चुअरी प्रोजेक्ट प्रभारी आनंद कुमार ने जानकारी दी कि कचरे में खाना फेंकना बंद करना पड़ेगा। जब तक खुले में कूड़ा पड़ा रहेगा तब तक बंदर खाने की तलाश में टोलियों में आते रहेंगे। खाना न मिलने पर वह चिड़चिड़े होकर हमला करते रहेंगे। बंदरों के प्रति धार्मिक नजरिए में भी बदलाव की जरूरत है। छलेसर में लोग जंगल से हाईवे के किनारे केले लेकर पहुंचते हैं। लिहाजा छलेसर से कुबरेपुर तक अब हजारों बंदर सुबह शाम हाईवे की रेलिंग पर बैठे पाए जाते हैं। वहीं इस बीच बंदरों के खौफ के चलते लोगों ने अपने घरों को जालियों से ढक दिया है।

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