आखिर क्यों करते हैं इस समाज में मरे हुए बच्चों की शादी, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

 

हर माता-पिता की चाहत होती हैं कि अपने बच्चों की शादी बड़ी धूमधाम से कराई जाए जो यादगार बन जाए और इसके लिए पेरेंट्स हर संभव प्रयास करते हैं. कई अजीब शादियों के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन हम आपको एक ऐसी अनोखी शादी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में सुनकर आपको भी हैरानी होगी. आइये जानते हैं उसके बारे में. क्या आपने कभी मरे हुए लोगों की शादी एक बारे में सुना है. यही मामला है जिसके बारे में बताने जा रहे हैं.

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दरअसल, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में ऐसा होता हैं और वहाँ मरे हुए लोगों की शादी भी कराई जाती हैं. अब वहाँ ऐसा आखिर क्यों होता हैं आइये हम बताते हैं आपको इसकी सच्चाई के बारे में. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में नटबाजी समाज वर्षों पुरानी परम्पराओं को आज भी बखूबी निभा रहा है. नटबाजी समाज में सिर्फ जिंदा ही नहीं बल्कि मर चुके बच्चों की शादी भी बेहद धूमधाम से करने की अनोखी परम्परा है.

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यहाँ अजीब परंपरा है कि, यदि लड़का या लड़की बचपन में ही मर जाते है तो उनकी शादी बालिग होने पर घर वाले करते है. यहां मृत दूल्हे के लिए मृत कन्या की तलाश की जाती है. इस दौरान बैंड-बाजे के साथ बारात मृत कन्या पक्ष के दरवाजे पर आती है और शादी की सभी रस्में भी पूरे रीति-रिवाज के साथ संपन्न कराई जाती हैं. यही नहीं कन्या पक्ष अपने सामर्थ्य के अनुसार वर पक्ष को दान-दहेज भी देता है. मंडप में दूल्हा-दुल्हन की जगह गुड्डा-गुडिय़ा रखे जाते हैं. यहां मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी मृत संतान भी अविवाहित नहीं रहती है.

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