छोरों से कम नहीं हैं छोरियां… प्लास्टिक की गेंद से की शुरुआत और मैदान में पाकिस्तान के छुड़ा दिए छक्के

आईसीसी महिला विश्व कपदेहरादून। हाल ही में संपन्न हुए आईसीसी महिला विश्व कप की यादें हमेशा हर भारतीय के ज़हन में रहेगी। वजह महिला टीम के बेजोड़ प्रदर्शन, जिसके दम पर ही उन्होंने फाइनल तक का सफ़र तय किया था। यहां गली के नुक्कड़ की दुकान पर चाय की चुस्की ले रहे बुज़ुर्ग हों या धूप में पसीने से तर-बतर नन्हें तेंदुलकर। क्रिकेट हर भारतीय का पहला प्यार है और इसकी लोकप्रियता हमेशा सर्वोपरि रही ये बात किसी से छिपी नहीं है लेकिन महिला क्रिकेट को पुरुष क्रिकेट टीम से आंकना बेमानी सी लगती है।

इन धुरंधर महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के बीच एक खिलाड़ी ऐसी भी है जिसकी शुरुआत गली-मोहल्ले में प्लास्टिक की गेंद खेलने से हुई। हम बात कर रहे हैं महिला वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 5 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम् भूमिका निभाने वाली स्पिनर एकता बिष्ट की। जी हाँ जिन्होंने अपनी मेहनत व परिश्रम से इस मुकाम को हासिल किया।

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एकता बिष्ट जोकि तेज गेंदबाज बनना चाहती थी। जिसके चलते वह प्लास्टिक की गेंद से तेज गेंदबाजी किया करती थीं। लेकिन एक दिन अचानक से अकादमी के कोच ने उन्हें स्पिन गेंदबाजी करने की सलाह दी। कोच के दिशा-निर्देश के बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। एकता ने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि “जब मैं प्लास्टिक की गेंद से खेलती थी, तब बल्लेबाजी अच्छी करती थी और तेज गेंदबाजी करती थी लेकिन जब मैं सर (लियाकत अली) के पास गई, तो उन्होंने मुझे स्पिन गेंदबाजी की सलाह दी और बेहतर प्रशिक्षण भी दिया। बता दें की भारतीय टीम के सुहाने सफ़र का अंत फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 9 रन से हारने के कारण हुआ था और विश्व कप जीतने का सपना भी चूर हो गया।

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उपहारों की बरसात…

बीसीसीआई ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को दूसरी बार फाइनल तक पहुचने पर सम्मानित किया। इस दौरान रेल मंत्री सुरेश प्रभु, खेल मंत्री विजय गोयल व पूरी भारतीय टीम मौजूद रही। राज्य सरकारों की तरफ से भी महिला क्रिकेट टीम के सभी सदस्यों को उपहार दिए गए।

एकता बिष्ट ने एक सवाल के जवाब में बताया कि क्रिकेट में उनकी रोल मॉडल पूर्व स्पिन गेंदबाज नीतू डेविड हैं जिनकी वह बहुत बड़ी प्रशंसक हैं, लेकिन अपने कोच लियाकत अली को वह अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं।

उन्होंने बताया कि टीम इंडिया की जर्सी के लिए उन्होंने बहुत कड़ी मेहनत की है और आगे भी जारी रहेगी।

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