अनिल धस्माना की धमक से मुंबई बनने से बचा इंदौर, पर नहीं उतार सकते जिंदगी पर चढ़ा कर्ज

आईपीएस अनिल धस्मानाराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बारे में आप सबने पढ़ा होगा। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के नए चीफ अनिल धस्माना भी उन्हीं जैसे जाबांज अधिकारी हैं। 1981 बैच के आईपीएस अनिल धस्माना को पहली पोस्टिंग मिली इंदौर एसपी के पद पर। हालांकि वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं।

आज हम आपको एसपी धस्माना जैसे बेहद दबंग अफसर का ‘किस्सा’ बताने जा रहे हैं, जिसने हमेशा के लिए इंदौर का इतिहास बदल दिया।

शायद ही लोग जानते हों कि मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर एक दौर में मिनी मुंबई के नाम से जानी जाती थी। यहां माफिया राज चलता था, जिसके अपने उसूल और कायदे थे। इन इलाकों में पुलिस भी कदम रखने से डरती थी।

उसी दौर में इंदौर एसपी की कमान मिली अनिल धस्माना को। उन्होंने जिस तरह पुलिसिंग की, उससे शहर की दशा और दिशा हमेशा के लिए बदल गई।

ऑपरेशन बंबई बाजार

जिस्मफरोशी, सट्टे और जुए के अड्डे के लिए बदनाम बंबई बाजार, इंदौर के दामन पर काला दाग था। इसलिए पुलिस ने ‘ऑपरेशन बंबई बाजार’ अभियान चलाकर इंदौर से आतंक और माफिया राज का अंत कर दिया।

धस्माना के नेतृत्व में करीब करीब दो हफ्ते तक चले अभियान के बाद बंबई बाजार से माफियाराज का अंत हुआ था। यह इतना आसान नहीं था। इस दौरान हिंसा भी हुई, जिसके चलते शहर में कई दिन कर्फ्यू रहा, लेकिन धस्माना के आगे अपराधियों ने घुटने टेक दिए। ऑपरेशन बंबई बाजार से घरों के अंदर बने तहखाने, सड़क पर कब्जा कर किए गए निर्माण और सीढ़ियों को ध्वस्त किया गया।

आईपीएस अनिल धस्माना हमेशा दबंगई के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अनैतिक गतिविधियों की जानकारी मिलते ही एसआई गजेंद्र सिंह सेंगर और सिपाही श्याम वीर को भेजा। बंबई बाजार में पुलिस का आना रास नहीं आया। उन्होंने दोनों पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।

पुलिस पर हमले की खबर मिलते ही एसपी धस्माना ने बंबई बाजार में 20 मिनट के भीतर हर घर पर पुलिस का सख्त पहरा बैठा दिया। प्रशासन, पुलिस और नगर निगम ने संयुक्त रूप से अवैध निर्माण, जुए और सट्टे के अड्डे को ध्वस्त कर दिया।

आईपीएस अनिल धस्माना अपने अंगरक्षक के ‘कर्जदार’

पुलिस की कार्रवाई से बंबई बाजार पूरा ध्वस्त हो रहा था। ऑपरेशन बंबई बाजार के दौरान एसपी धस्माना बेग परिवार के घर के बाहर पहुंचे थे। इस दौरान अनिल धस्माना की जान लेने की कोशिश की गई थी।

सर्च अभियान के समय बेग परिवार के घर में छत से मसाला कूटने की सिल्ली धस्माना को निशाना बनाकर फेंकी। लेकिन उनके सतर्क अंगरक्षक छेदीलाल दुबे ने धक्का देकर उनकी जान बचाई, दुर्भाग्य से सिल्ली सिर पर गिरने से छेदीलाल शहीद हो गए।

इंदौर एसपी रहने के कुछ समय बाद अनिल धस्माना केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर चले गए, जिसके बाद उनका रुतबा बढ़ता ही गया।

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