आईटी सेक्टर वालो को ज़्यादा है बवासीर और पाइल्स का खतरा, आईएससीपी के सचिव ने कही बड़ी बात

आईटी सेक्टर में काम करने वाले युवााओं को ज़ादा बैठेने की वजह से है बवासीर का खतरा, भूख लगने पर फास्टफूड के ज़ादा सेवन से पैदा हो रही दिक्कतें। ऐसे में उन्हें पाइल्स, फिशर, फिस्टुला आदि की समस्या हो रही है।

धूम्रपान व तंबाकू के अधिक सेवन, मसालेदार खाना और तनाव भरी जिंदगी से एनोरेक्टल डिसऑर्डर के मामले बढ़ रहे हैं। ये बातें इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कोलोप्रोक्टोलॉजी (आईएससीपी) के सचिव डॉ. लक्ष्मीकांत लाडूकर ने कहीं। डॉ. लक्ष्मीकांत लाडूकर बृहस्पतिवार को एसआर होटल, बोदला में आयोजित सोसाइटी की 8वीं विश्व कांग्रेस की पूर्व कार्यशाला में संबोधन कर रहे थे।

डॉ. ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता और पश्चिमी खानपान का चलन देश में बढ़ा है। इससे प्रोक्टोलॉजी डिसऑर्डर हो रहे हैं। आईटी सेक्टर में काम करने वाले युवा 8 से 10 घंटे तक बैठे रहते हैं और भूख लगने पर फास्टफूड का सेवन करते हैं। ऐसे में उन्हें पाइल्स, फिशर, फिस्टुला आदि की समस्या हो रही है। गर्भवती महिलाओं में भी डिसऑर्डर की समस्या समय के साथ बढ़ी है।

पश्चिमी खान पान का पड़ रहा बुरा असर

कार्यशाला में देश-विदेश से पहुंचे 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने सर्जरी की आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। उद्घाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने किया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी खानपान और जीवन शैली का प्रभाव गांवों तक पहुंच चूका है। विशिष्ट अतिथि एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि छात्रों को इस कांफ्रेंस से बहुत कुछ सीखने के लिए मिलेगा।

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