अष्टमी में ऐसे करें माता रानी को प्रसन्न, जानें शुभ मुहूर्त और हवन करने की विधि
शारदीय नवरात्रि 13 अक्टूबर को समाप्त हो रहे हैं। दरअसल, इस साल शारदीय नवरात्रि नौ की जगह आठ दिन के है। इस बार अष्टमी 13 अक्टूबर को पड़ रही है। अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा और आराधना की जाती है। इस दिन शुभ मुहूर्त में माता की पूजा और हवन होता है। साथ ही इस दिन व्रत का भी खास महत्व है। आइए जानते हैं कि महाष्टमी के दिन के लिए हवन का शुभ मुहूर्त क्या है…
शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि 12 अक्टूबर को रात 9 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर की रात 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। इस दिन अमृत काल सुबह -3 बजकर 23 मिनट से सुबह 04 बजकर 56 मिनट तक और ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 48 मिनट से सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक है।
हवन करने की विधि
- हवन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चहिए।
- हवन कुंड की वेदी को साफ कर इस पर लेपन कर लें।
- शुद्ध जल वेदी में छिड़कें।
- अग्नि प्रज्वलित करके अग्निदेव का पूजन करें।
- इसके बाद नवग्रह के नाम या मंत्र से आहुति दें।
- गणेशजी की आहुति के बाद सप्तशती या नर्वाण मंत्र से जप करें।
- सप्तशती में प्रत्येक मंत्र के पश्चात स्वाहा का उच्चारण करके आहुति दें।
- हवन में पुष्प, सुपारी, पान, कमल गट्टा, लौंग, छोटी इलायची और शहद की आहुति दें।
- इसके बाद पांच बार घी की आहुति दें।