
नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को अन्य मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ बैठक कर मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति की समीक्षा की। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बैठक में हिस्सा लिया। हालांकि अधिकारी ने बैठक के दौरान हुई बातचीत का ब्योरा बताने से इनकार कर दिया।
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सरकार विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लिए एफडीआई नीति को और उदार बनाने पर विचार कर रही है, जिसमें भारत में जंगी तोपों, हथियारबंद वाहनों और सैन्य मालवाहक विमानों के निर्माण पर 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देना शमिल है।
एकल ब्रांड रिटेल क्षेत्र में स्वचालित 100 फीसदी एफडीआई नीति पर भी विचार किया जा रहा है।
इसके अलावा प्रिंट मीडिया में एफडीआई को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी किए जाने पर भी सरकार विचार कर रही है।
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पिछले साल जून में एफडीआई नियमों में ढील दिए जाने के बाद 2016-17 में भारत में रिकॉर्ड 60.1 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया।
पिछले साल सरकार ने उड्डयन और रक्षा क्षेत्रों में एफडीआई को बढ़ाकर 49 फीसदी कर दिया था, जबकि 100 फीसदी एफडीआई के लिए सरकारी मंजूरी की दरकार थी। वहीं औषधि क्षेत्र में स्वचालित 74 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई थी।
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