अमेठी में बदमाशों की गोली का शिकार हुए भाजपा कार्यकर्ता के अंतिम संस्कार में पहुंची स्मृति ईरानी ..

अमेठी में बदमाशों की गोली का शिकार होकर काल का ग्रास बने भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया. सुरेंद्र की अंतिम यात्रा में केंद्रीय मंत्री और नवनिर्वाचित स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी, जिले के प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा भी शामिल हुए. स्मृति ने सुरेंद्र की अर्थी को कंधा दिया और परिजनों को ढांढस बंधाया.

सुरेन्द्र नाथ सिंह

स्मृति ने कहा कि वह सन 1977 से पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता थे. अमेठी में पार्टी की जीत का जश्न मनाने के बाद उनकी हत्या बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पूरी भाजपा और पार्टी के सभी कार्यकर्ता सुरेंद्र के परिवार के साथ हैं. हम चाहते हैं कि परिवार को न्याय मिले. गोली चलाने और चलवाने वालों को मृत्यु दंड दिया जाना चाहिए. स्मृति ने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो न्याय के लिए उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएंगे. यह वारदात अमेठी को आतंकित करने के लिए अंजाम दी गई है.

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राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि मुझे अमेठी की सेवा प्रेम से करने का संदेश दिया गया. यह संदेश जोर से और स्पष्ट है. मैं अमेठी के विकास के लिए काम करूंगी. गौरतलब है कि गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के गोद लिए गांव बरौलिया के पूर्व प्रधान सुरेंद्र, ईरानी के बहुत करीबी माने जाते थे. वह प्रचार के दौरान हमेशा स्मृति के इर्द-गिर्द नजर आते थे. स्मृति ने भी केवल एक गांव में 16 करोड़ रुपये से विकास कार्य कराने के लिए सुरेंद्र की जमकर तारीफ की थी. हालिया लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रचार अभियान में सुरेंद्र की प्रमुख भूमिका रही थी.

जूता प्रकरण से आए थे चर्चा में

बताया जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह का प्रभाव कई गांवों में था. सुरेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव के दौरान जूता वितरण प्रकरण से चर्चा में आए थे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी पर बरौलिया गांव में जूते बंटवाने का आरोप लगाते हुए इसे अमेठी के लोगों का अपमान बताया था. प्रियंका ने कहा था कि स्मृति ने यह कहने के लिए जूते बांटे कि अमेठी के लोगों के पास पहनने के लिए जूते भी नहीं हैं.

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गौरतलब है कि कथित रूप से स्मृति ने अमेठी के गौरीगंज क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सुरेंद्र सिंह जब मुझसे मिलने दिल्ली गए, तो उनके पैरों में ठीक चप्पल भी नहीं थी. मैंने उसकी व्यवस्था कराई और गांव के विकास के लिये 16 करोड़ रुपये दिलवाए थे.

हत्या की वजह क्या, राजनीति या रंजिश?

सुरेंद्र सिंह की हत्या की वजह राजनीति बताई जा रही है. पुलिस ने पुरानी रंजिश में हत्या की संभावना से भी इनकार नहीं किया है. कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. पुलिस ने सीमाओं को सील कर तलाशी अभियान तेज कर दिया है. एहतियातन गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

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