अब हुआ खुलासा, मुकेश अंबानी ने इंटरनेट क्यों दिया इतना सस्ता

नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने अपनी कामयाब पारी के साथ प्रतिद्वंद्वी टेलिकॉम कंपनियों को हिला दिया। अभी तक देश में इसके 28 करोड़ जियो यूजर्स हैं। इस कामयाबी के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी देश के पहले इंटरनेट टायकून बनना चाहते हैं। द इकॉनमिस्ट की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

26 जनवरी के लेटेस्ट एडिशन में द इकॉनमिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, “जियो सेवाओं के साथ, अंबानी ने दूसरी टेलिकॉम कंपनियों को खत्म कर दिया है और देश को बदल दिया है। अब वह और आगे बढ़ना चाहते हैं और जियो को एक लॉन्च पैड की तरह इस्तेमाल कर भारतीय जेफ बेजोस और जैक मा बनना चाहते हैं।” टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के अनुसार, पिछले साल नवंबर में भारत में मोबाइल फोन ग्राहकों की संख्या 1.17 अरब पहुंच गई थी।

वहीं, देश में ब्रॉडबैंड यूजर बेस 50 करोड़ पार कर चुका है और इनमें से करीब 97 प्रतिशत वायरलेस कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “टेलिकॉम में पैसे कमाने से ज्यादा उनकी महत्वाकांक्षा एक टेक टायकून बनने की है। आरआईएल पहले ही कंटेन्ट क्रिएशन में निवेश कर चुकी है और क्रिकेट मैच व डिज्नी फिल्म्स को अपने “जियो टीवी” प्लैटफॉर्म पर लाने के अधिकार खरीद चुकी है।”

18 जनवरी को “वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2019” में मुकेश अंबानी ने एलान किया था कि रिलायंस अगले 10 वर्षों में अपने निवेश और कर्मचारियों की संख्या को दोगुना करेगी। पीएम नरेंद्र मोदी से “डेटा कॉलोनाइजेशन” के खिलाफ लड़ाई की गुहार लगाते हुए अंबानी ने कहा कि रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल जल्द ही छोटे रिटेलरों के लिए एक नया कॉमर्स प्लैटफॉर्म लॉन्च करेगा। इस मेगा मिशन की शुरुआत गुजरात से होगी और उसके बाद देशभर में यह मिशन चलेगा।

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अक्टूबर-दिसंबर, 2018 तिमाही के बारे में रिलायंस जियो इन्फोकॉम के मुनाफे में 65 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 831 करोड़ रहा जबकि 2017-18 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह प्रॉफिट 504 करोड़ रुपए था।

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