अब जल्द बेरोजगार हो जायेंगे सारे गायक, वजह है हैरान कर देने वाली…
जब ‘द बीटल्स’ के जॉन लेनन से पूछा गया कि वो अपने गीत कैसे लिखते हैं तो लेनन ने जवाब दिया, “हम एम1 हाइवे पर दाहिने मुड़ते हैं और लंदन के आगे निकल जाते हैं।”
लेनन के साथी पॉल मैकार्टनी का कहना था कि गीत लिखने का काम असल में लंबे सफर जैसा है, जिसमें कई मोड़ आते हैं।
उनकी राय में गीत और उसकी धुन तैयार करना एक क्रॉसवर्ड हल करने जैसा है, लेकिन अब दौर नया है और शायद संगीत की ये जुगलबंदी हमें नए ही रूप में दिखे।
जॉन लेनन और पॉल मैकार्टिनी के बजाय अब संगीत की धुनें शायद कंप्यूटर बनाएंगे। वो गीत भी लिखेंगे और हो सकता है कि आगे चल कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतनी अक्लमंद हो जाए कि गीत गाए भी खुद ही।
कंप्यूटर से सबसे पहले एक धुन तैयार की गई थी 1957 में। इसका नाम था इलियाक स्वीट। इसे अमरीका कि इलिनॉय यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर रिसर्चरों के बनाए इलियाक वन कंप्यूटर ने तैयार किया था।
इस इलेक्ट्रॉनिक दिमाग़ ने कुछ तारों को छेड़कर उनसे निकली आवाज को एक सूत्र में पिरोकर ये धुन तैयार की थी। इस धुन के बारे में लोगों का ख़याल ये था कि इसने कनफ्यूज़न पैदा किया और ऐसा लगता था कि ये दौरा पड़ने के दौरान तैयार की गई है।
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पर 1957 के इलियाक स्वीट से लेकर आज तक अक्लमंद मशीनों के संगीत ने लंबा सफर तय कर लिया है। आज एआई की मदद से गीत लिखे जा रहे हैं।
नई धुनें सजाई जा रही हैं। यहां तक कि वो नई तरह की आवाजें भी तैयार कर पा रहे हैं। अगली स्लाइड में पढञें सोनी ने कंप्यूटर की मदद से तैयार किया पॉप गीत।