अपहरण और हत्या मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सज़ा

उत्तर प्रदेश में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को अपहरण और हत्या के एक मामले में दोषी ठहराया है और 10 साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने मुख्तार अंसारी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ गई है, उत्तर प्रदेश में ग़ाज़ीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अपहरण और हत्या के एक मामंले में उन्हें दोषी मानते हुए 10 साल की सज़ा सुनाई है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और इस मामले में आरोपी बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें की पुलिस ने जनवरी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 2001 के उसरी चट्टी गैंगवार मामले में हत्या का मामला दर्ज किया था। अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के पीएस मोहम्मदाबाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पिछले साल ही दिसंबर में अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को गाजीपुर की गैंगस्टर कोर्ट ने हत्या और हत्या के प्रयास से जुड़े पांच मामलों में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इन मामलों में कांस्टेबल रघुवंश सिंह की हत्या और गाजीपुर के एक अतिरिक्त एसपी पर जानलेवा हमला शामिल है। साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 21 सितंबर को मुख्तार अंसारी को जेलर एसके अवस्थी को धमकाने और पिस्तौल तानने के आरोप में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।

मामला 2003 का है जब लखनऊ जिला जेल के जेलर एसके अवस्थी ने यह कहते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उन्हें जेल में अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने पर धमकी दी गई थी। लखनऊ खंडपीठ ने 23 सितंबर को 1999 में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी, 23 साल पुराने इस मामले में कोर्ट ने मुख्तार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

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