अपर मुख्य सचिव स्वास्थ बोले कल से लखनऊ के छह सेंटरों पर होगा कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन, राज्य में अब 14 हजार एक्टिस केस

राजधानी लखनऊ में दो जनवरी (शनिवार) से कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन (मॉक ड्रिल) किया जाएगा। इसके लिए छह अस्पताल- किंग जॉज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, सहारा अस्पताल, माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत छह अस्पताल को चिन्हित किया गया है। सहारा अस्पताल निजी क्षेत्र का अस्पताल है। हर सेंटर पर 10 लोगों को बुलाया जाएगा।

लखनऊ में की गई ड्राई रन की व्यवस्था

प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन ने 2 जनवरी से देशभर में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ड्राई रन के लिए लखनऊ को चुना गया। अबतक देश के चार राज्यों में ही ऐसा ड्राई रन किया गया था। इनमें पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। चारों राज्यों में ड्राई रन को लेकर अच्छे रिजल्ट सामने आए हैं। इसके बाद अब सरकार ने पूरे देश में इस ड्राई रन को लागू करने का फैसला किया।

उन्होंने बताया कि हर वैक्सीनेशन सेंटर पर तीन कमरे होंगे। पहला वेटिंग रूम होगा। जहां लोग टीका लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करेंगे। दूसरे कमरे में टीका लगाया जाएगा। वहीं तीसरा कमरा ऑब्जर्वेशन रूम होगा। वैक्सीन दिए जाने के बाद आधे घंटे तक सभी निगरानी के लिए रोका जाएगा।

यूपी में बढ़ी सतर्कता

यूनाइटेड किंगडम से लौटकर आए लोगों की टेस्टिंग लगातार की जा रही है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद अब तक प्रदेश में 2,500 लोगों की जांच की गई है। जिनमें केवल 2 लोगों में कोविड का नया स्ट्रेन पाया गया है।

UP में 14 हजार एक्टिव केस

कोरोना प्रभावित राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश 7वें स्थान पर है। वर्तमान में यहां 14,155 कोरोना के एक्टिव केस हैं। जबकि अब तक 5,84,966 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 5,62,459 लोग ठीक हो चुके हैं। हालांकि 8,352 लोगों की मौत भी हुई है। अब तक 2.39 करोड़ से अधिक लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है।

टॉप-5 शहरों का हाल

  • लखनऊ 2,806
  • मेरठ 1,075
  • वाराणसी 6,98
  • प्रयागराज 5,86
  • कानपुर नगर 5,30

जानिए…क्या होता है ड्राई रन

कोरोना वैक्सीन लगाने से पहले होने वाला यह ड्राई रन मॉकड्रिल की तर्ज पर किया जाएगा। अब तक सिर्फ बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ही वैक्सीनेशन किया जाता था। इसके लिए भी अलग-अलग राज्यों में हफ्ते का एक दिन तय होता है। यह पहला मौका है जब वयस्कों को भी वैक्सीनेट किया जाएगा। इसमें राज्यों में कोल्ड चेन से वैक्सीनेशन साइट्स तक वैक्सीन लाने-ले जाने की प्रक्रिया परखी जाएगी। इसी तरह वैक्सीनेशन साइट्स पर किस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं, यह भी पता लगाने की कोशिश होगी।

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