अटल जी में सबको साथ लेकर चलने की विशेषता थी : राम नाईक

लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयन्ती के अवसर पर लोक भवन में मंगलवार को ‘महानायक अटल’ विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा से पूर्व सभी ने लोक भवन के प्रांगण में लगे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु ईशा मसीह, महामना मदन मोहन मालवीय तथा अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि एक ही है।
राम नाईक
उन्होंने कहा, “मैं ऐसे सभी महान व्यक्तियों को अपनी ओर से तथा प्रदेश की जनता की ओर से नमन करता हूं।”

राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के महानायक तथा देश के सर्वमान्य नेता थे। दल के लोग उनकी प्रशंसा करें तो स्वाभाविक है पर अटल जी की स्तुति विपक्षी दल के नेता भी करते हैं। उन्होंने कहा कि अटल जी में सबको साथ लेकर चलने की विशेषता थी तथा उन्होंने देश को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया। राज्यपाल ने कहा कि अटल जी ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लखनऊ से सांसद रहते हुए भी अपना निजी आवास नहीं बनाया।

श्री नाईक ने कहा कि अटल जी विलक्षण प्रतिभा के मालिक थे। अटल जी के साथ संगठन और सरकार में काम करने का अवसर मिला। अटल जी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो वे मुंबई के अध्यक्ष थे। 1980 में मुंबई में आयोजित पहले पार्टी अधिवेशन में न्यायमूर्ति छागला ने अपने संबोधन में कहा था कि ‘मैं मिनी इंडिया देख रहा हूं और मेरे दाहिने हाथ पर देश के भावी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बैठे हैं।’

आगे जाकर न्यायमूर्ति छागला की भविष्यवाणी सही साबित हुई और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने।

माइक्रोमैक्स ने लांच किये दो नए नॉच डिस्प्ले वाले फोन, कीमत है मात्र इतनी सी…

राज्यपाल ने कहा कि अटल जी कार्यकतार्ओं से बड़ी आत्मियता और स्नेह से मिलते थे।

राज्यपाल ने बताया कि 1994 में जब उन्हें कैंसर हुआ तब वे लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक थे, उन्होंने त्यागपत्र देने की बात कही तो अटल जी ने कहा कि ‘त्यागपत्र मैं अपने पास रखता हूं पर आप जल्दी ही वापस आने वाले हैं।’

यह कहकर उन्होंने उत्साहवर्धन किया तथा स्वास्थ्य की जानकारी लेने वे स्वयं बिना किसी को बताये मेरे निवास पर आये।

कारगिल युद्ध में शहीदों के परिजनों को पेट्रोल पम्प और गैस एजेंसी देने के प्रस्ताव को अटल जी ने सहजता से स्वीकार किया। अटल जी के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके रास्ते पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अटल जी जैसा बड़ा नेता मुश्किल से मिलता है।

LIVE TV