सऊदी अरब को लाल सागर द्वीपों के स्थानांतरण पर रोक
काहिरा । मिस्र की एक अदालत ने मिस्र व सऊदी अरब के बीच समुद्री सीमा सीमांकन पर हुए एक समझौते को मंगलवार को निरस्त कर दिया। इस समझौता के तहत लाल सागर के दो द्वीप तिरान व सानाफिर को सऊदी अरब के जल क्षेत्र में शामिल करने का फैसला हुआ था। मिस्र की प्रशासनिक अदालत ने कहा कि दोनों द्वीपों के सभी अधिकारों को सऊदी अरब को सौंपने का फैसला खारिज किया जाता है और यह अमान्य है।
सीमांकन समझौते का उल्लंघन
समझौते को चर्चा और उसमें संशोधन के लिए उसे प्रतिनिधि सभा को सौंपा जाना चाहिए था। अदालत ने कहा, “यह देश के सन 1906 के सीमांकन समझौते का उल्लंघन है और संविधान के आधार पर इसे मंजूरी के लिए संसद को नहीं सौंपा जा सकता।”
मिस्र की कैबिनेट के 12 अप्रैल को कहा था कि मिस्र-सऊदी अरब तकनीकी समुद्री सीमा संयुक्त रेखांकन ने निर्धारित किया है कि तिरान व सानाफिर द्वीप सऊदी अरब की जल सीमा में हैं। कैबिनेट ने कहा था कि ऐतिहासिक तौर पर द्वीप सऊदी अरब के पास था और साल 1950 में इसे पट्टे पर मिस्र को दिया गया था।
कैबिनेट के मुताबिक, ऐतिहासिक तथ्यों व दस्तावेजों के आधार पर इन्हें सऊदी अरब को सौंप दिया जाना चाहिए। वर्तमान में दोनों द्वीप मिस्र प्रशासित हैं। दोनों द्वीपों पर वर्तमान में मिस्र के सैनिक, एक बहुराष्ट्रीय सुरक्षा बल तथा प्रेक्षक रह रहे हैं।