एक गांव में से एक रात हाथी गुजर गया. सुबह-सुबह गांव वालों ने जमीन पर हाथी के पैरों के बड़े-बड़े निशानों को देखे तो उनके बीच खलबली मच गयी. सभी एक दूसरे से कहने लगे. अरे देखो-देखो ये कैसे निशान हैं.
उन्हें समझ में नहीं आया. थक हार कर वे लाल बुझक्कड़ के पास गए. लाल बुझक्कड़ बिना बुलाए नहीं आते थे. लेकिन हर जगह बुलाए जाने के लिए बेताब रहते थे. उन्होंने काफी देर तक उस पैर के निशान की जांच की. और चेहरे पर बड़ी ही खुशी के भाव को लाते हुए कहा-
“लाल बुझक्कड़ बूझते और न बूझे कोय
पैर में चक्की बांध कर हिरन ने कूदा होय”
कुछ ऐसा ही येति के मामले में हुआ है. अभी खबरों में हर तरफ येति ही येति था. येति मतलब हिम मानव. जिसके पैरों की तस्वीर भारतीय आर्मी ने ट्वीट की थी. जिसके बाद तमाम मीडिया ने हिम-मानव की खबरें चलाई.
अब नेपाल के अधिकारियों ने दावा किया है कि इंडियन आर्मी ने जो पैरों के निशान देखें वह येति के नहीं, बल्कि जंगली भालू के हैं. नेपाल आर्मी के स्पोक्सपर्सन जेनरल बिज्ञान देव पांडे के मुताबिक-
भारतीय सेना की एक टीम ने पैरों के निशान देखे थे और हमारी टीम उनके साथ थी. हमने इस तथ्य का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों और पोर्टरों ने दावा किया कि यह जंगली भालू के पैरों के निशान हैं जो अक्सर उस क्षेत्र में दिखाई देते हैं
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भारतीय आर्मी ने 32 इंच के पैरों के निशान की बात की थी. जिसपर ‘येति- द इकॉलोजी ऑफ ए मिस्ट्री’ के ऑथर डेनियल टेलर ने कहा- इतने बड़े पैरों के निशान सिर्फ डायनासोर्स के हो सकते हैं. अब सिर्फ अकेला जीव सर्वाइव नहीं कर सकता इसीलिए इन निशान के पीछे 2 पॉसिबिलिटिज़ हो सकती है.
पहला या तो नेपाल के पहाड़ों पर घूमने वाले जानवरों का आकार डायनासोर जितना हो सकता है. और दूसरा जो कि बेसिक लॉजिक है. ये पैरों के निशान भालू और उसके शावक के हो सकते हैं. टेलर के मुताबिक तस्वीरों में पैरों के निशान झाड़ियों से निकलते दिखाई दे रहे हैं. और जो दिख भी रहे हैं वो धूप की वजह से पिघले हुए हैं.
अब किस बात पर भरोसा किया जाये यानि कि इंडियन आर्मी पर या नेपाल पर | इसके लिए आप आगे देखते रहें और पढ़ते रहें ख़बरें |